Janmashatami 2024 shubh muhurt: इस बार अष्टमी 26 अगस्त को सुबह 03.39 पर आरंभ होगी और इसका समापन 27 अगस्त को देर रात 02.19 पर होगा. हर वर्ष भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाता है. इस साल कृष्ण जन्माष्टमी कल यानी 26 अगस्त को मनाया जाएगा. कन्हैया की पूजा के लिए बस 45 मिनट का समय मिलेगा.
26 अगस्त की रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी. इस बार श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.01 से 12.45 तक होगा. यानी, जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 45 मिनट तक का है. आप पूजा रात में 12:01 बजे से 12:45 बजे के बीच कर सकते हैं. इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहेगा. भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आधी रात में भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्री कृष्ण का जन्म हुआ था. यही वजह है कि हर साल कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है.
जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान करके व्रत या पूजा का संकल्प लें. दिनभर जलाहार या फलाहार ग्रहण करें. सात्विक रहें. फिर मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण की धातु की प्रतिमा को किसी पात्र में रखें. उस प्रतिमा को दूध, दही, शहद, शर्करा और अंत में घी से स्नान कराएं. इसी को पंचामृत स्नान कहते हैं. कृष्ण जन्माष्टमी एक हर्षोल्लासपूर्ण उत्सव है जो भगवान कृष्ण के दिव्य प्रेम और ज्ञान का सम्मान करने के लिए पूरे भारत में सभी क्षेत्रों के भक्तों को एक साथ लाता है, प्रत्येक क्षेत्र की अपनी अनूठी परंपराएं और रीति-रिवाज हैं.
“हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण हरे हरे. हरे राम हरे राम, राम-राम हरे हरे.”
“ॐ दामोदराय विद्महे,रुक्मणीवल्लभाय धीमहि,तन्नो कृष्ण प्रचोदयात् ॥”
“ॐ क्लीं कृष्णाय नमः
“जय श्री कृष्ण चैतन्य, प्रभु नित्यानंद,श्री अद्वैत, गदाधर, श्रीवास आदि गौर भक्त वृंद..”
“ॐ नमो भगवते वासुदेवाय”
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा.