Jagdeep Dhankhar Resigns: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजकर यह फैसला लिया. धनखड़ ने अपने इस्तीफे में कहा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए वे तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं. अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति बने धनखड़ का कार्यकाल 2027 तक था. उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन आया, जिससे राजनीतिक हलकों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं.
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखा भावुक पत्र
जगदीप धनखड़ ने अपने पत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उनके अटूट सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंत्रिपरिषद का भी आभार जताया और लिखा कि “प्रधानमंत्री से मुझे जो समर्थन और मार्गदर्शन मिला, वह अमूल्य है. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है.” उन्होंने यह भी कहा कि संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से उन्हें जो स्नेह और विश्वास मिला, वह हमेशा उनकी स्मृति में रहेगा.
पद पर रहते हुए इस्तीफा देने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति
Vice President Jagdeep Dhankhar resigns from his post "to prioritise health care and abide by medical advice." pic.twitter.com/IoHiN7VGAR
— ANI (@ANI) July 21, 2025
धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था. वे राज्यसभा के सभापति भी थे. हाल ही में दिल्ली स्थित एम्स में उनकी एंजियोप्लास्टी हुई थी. राज्यसभा में उनके कार्यकाल के दौरान विपक्ष के साथ कई बार तीखी झड़पें हुईं. विपक्ष ने उनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव भी पेश किया था, जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था. अब तक सिर्फ वी वी गिरि ने 1969 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था.
कई बार विपक्ष से हुआ था टकराव
हाल में उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंजियोप्लास्टी हुई थी. राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में, धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था. उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था.
यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था. धनखड़ पद पर रहते हुए इस्तीफा देने वाले दूसरे उपराष्ट्रपति हैं. इससे पहले वी वी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
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