Bhagalpur News: भागलपुर नगर निगम में कथित फर्जी ट्रेड लाइसेंस घोटाले की जांच अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है. इस मामले में आरोपित तत्कालीन प्रभारी ट्रेड लाइसेंस निरंजन मिश्रा को गुरुवार को आपदा प्रबंधन अपर समाहर्ता सह प्रभारी नगर आयुक्त कुंदन कुमार के समक्ष पेश होना पड़ा. उन्होंने जांच अधिकारी को 113 फर्जी ट्रेड लाइसेंस की सूची सौंपी, जिनमें फर्जी मनी रसीद (एमआर) नंबर भी दर्ज हैं. पार्षद एकता मंच की शिकायत पर मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देश पर भागलपुर जिला प्रशासन इस मामले की गंभीर जांच कर रहा है.
निगमकर्मी ने खुद को बताया घोटाले का खुलासा करने वाला
आरोपों के घेरे में आए निरंजन मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए जांच अधिकारी से कहा कि उन्होंने ही 3 अक्टूबर 2020 को तत्कालीन नगर आयुक्त जे. प्रियदर्शनी को फर्जी ट्रेड लाइसेंस निर्गत किए जाने की जानकारी दी थी. उनका कहना है कि घोटाले का खुलासा उन्होंने खुद किया था, लेकिन अब उन्हीं को इस पूरे मामले में आरोपित बना दिया गया है.
मिश्रा पर यह आरोप है कि उन्होंने निगम कोष में तय शुल्क जमा नहीं किया और फर्जी एमआर नंबर के माध्यम से गबन किया.
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मुख्यमंत्री कार्यालय के संज्ञान में मामला, फाइलें खंगाली जा रही हैं
नगर निगम में हुए इस घोटाले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने पार्षद एकता मंच की शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है. इसके बाद से नगर निगम कार्यालय में ट्रेड लाइसेंस से संबंधित सभी फाइलों की बारीकी से जांच की जा रही है. अब तक मिले दस्तावेजों के आधार पर जिम्मेदार कर्मचारियों की पहचान कर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं.
जांच पूरी होने तक बढ़ सकती है कार्रवाई की आंच
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, यदि जांच में जमा दस्तावेजों और प्रस्तुत सूची से यह साबित हो जाता है कि संबंधित कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध रही है, तो विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ आपराधिक मामला भी दर्ज किया जा सकता है. फिलहाल जांच टीम साक्ष्य जुटाने, एमआर नंबरों के मिलान और संबंधित खातों की स्क्रूटनी में लगी है.
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