असम में कथित तौर पर 171 फर्जी एनकाउंटर किलिंग का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मानवाधिकार आयोग को निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. यह आरोप पुलिस पर लगे हैं, जो बेहद गंभीर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि सार्वजनिक प्राधिकारियों द्वारा पीड़ितों पर अत्यधिक और गैर-कानूनी बल का इस्तेमाल स्वीकार्य नहीं है.
एडवोकेट आरिफ यासिन जवाद्दर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर गौहाटी हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें स्वतंत्र जांच की मांग को खारिज कर दिया गया था. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अहम फैसला सुनाया. कोर्ट ने पीड़ितों के साथ हुई घटनाओं को ‘बहुत गंभीर’ बताया और मामले की गहन जांच का आदेश दिया.