Indira Ekadashi 2024: साल में कुल 24 एकादशी तिथि पड़ती हैं जिसमें हर एकादशी का अपना एक विशेष महत्व है. इस साल इंदिरा एकादशी का व्रत 28 सितंबर को मनाई जायेगी. मान्यता है कि इस व्रत को रखने से सभी तरह के पाप नष्ट हो जाते हैं. एकादशी पर चौमुखी दीप प्रज्वलित करना बहुत ही शुभ माना जाता है.
Indira Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में इंदिरा एकादशी का व्रत बेहद पुण्यदायी माना गया है. यह दिन भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित हैं. आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस व्रत के दौरान भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि जो इस तिथि (Indira Ekadashi 2024) पर कठिन व्रत रखते हैं और विष्णु जी के साथ मां तुलसी की पूजा विधिपूर्वक करते हैं, उन्हें विष्णु भगवान की कृपा प्राप्त होती है. इसलिए इस शुभ अवसर पर तुलसी के समक्ष घी का दीपक जलाएं. एकादशी के दिन चौमुखी दीपक जलाने का महत्व है. ऐसा करने से जीवन के हर संकट से छुटकारा मिलता है.
जानें चौमुखी दीपक जलाने का महत्व
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कहा जाता है कि यह दीपक चारों दिशाओं – पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण का प्रतिनिधित्व करता है. जब आप इस दीपक को प्रज्वलित करते हैं, तो इसका प्रकाश चारों दिशाओं में फैलता है. इसे चार वेदों का प्रतीक भी माना जाता है और भगवान विष्णु को चार वेदों का स्वामी माना जाता है. जब आप यह दीपक जलाते हैं, तो आपको श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है. इंदिरा एकादशी के अवसर पर चौमुखी दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है.
पूजा शुभ मुहूर्त
इंदिरा एकादशी के दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त का समय चौघड़िया शुभ मुहूर्त 28 सितंबर को सुबह 7.42 से शुरू होकर 9.12 तक रहेगा. अमृत चौघड़िया शुभ मुहूर्त का समय दोपहर 3.11 से शुरू होकर 4.30 तक रहेगा. जिसको भी अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना पिंडदान अनुष्ठान करने हैं. यह शुभ मुहूर्त उनके लिए सबसे अच्छे हैं.
पारण का समय
उन्होंने बताया कि जो भी इंसान इस एकादशी के दिन व्रत रखना चाहते हैं, उनके व्रत के पारण का समय 29 सितंबर को सुबह 6:13 से लेकर 8:36 तक रहेगा. इस दौरान वह अपने व्रत का पारण कर सकते हैं. इंदिरा एकादशी के दिन दो शुभ योग भी बनते हुए दिखाई दे रहे हैं. 28 सितंबर को सिद्धि योग सुबह 11: 51 बजे बजे तक रहेगा. उसके उपरांत साध्य योग सुबह अगले दिन तक रहेगा.
जानें विधि
भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. भगवान विष्णु को फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित करते हैं. व्रत रखने वाले लोग उपवास करते हैं यानी, पूरे दिन कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं या केवल फलाहार करते हैं. दान देने के महत्व के बारे में भी शास्त्रों में उल्लेख किया गया है. यदि आप गरीबों को भोजन, वस्त्र आदि दान करते हैं, तो इसका आपको कई गुना लाभ प्राप्त होता है.
पूजा का विधि विधान
इंदिरा एकादशी के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करके मंदिर में भगवान विष्णु के आगे देसी घी का दीपक जलाएं और उनकी पूजा अर्चना करें. इस दौरान जो भी इंसान व्रत रखना चाहता है. वह व्रत रखने का प्रण लें. पूजा के दौरान भगवान विष्णु के आगे पीले रंग के फल फूल वस्त्र मिठाई अर्पित करें. दिन में एकादशी की कथा करें. शाम के समय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने के बाद गरीबों को भोजन कराएं. अपनी इच्छा अनुसार उनका दान करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. HelloCities24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.)