Action Against Pakistan: पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा और कड़ा फैसला लिया है. नई दिल्ली ने इस्लामाबाद से सभी प्रकार के आयातों पर तत्काल प्रभाव से पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब पाकिस्तान से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी वस्तु का आयात भारत में नहीं किया जाएगा. इस प्रतिबंध में वे वस्तुएं भी शामिल हैं, जिन्हें पहले विशेष अनुमति या लाइसेंस के तहत आयात किया जाता था.
राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक मोर्चे पर सख्त संदेश
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह कठोर कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों और आर्थिक रणनीति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. इस फैसले का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ एक स्पष्ट और सख्त संदेश देना है. केंद्र सरकार ने यह भी जोर दिया है कि इस प्रतिबंध के जरिए पाकिस्तान को यह दिखाया जाएगा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा.
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पहलगाम का दर्दनाक हमला; रिश्तों में आई गहरी खाई
गौरतलब है कि 22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी. भारत ने इस जघन्य कृत्य के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है. इस घटना के बाद से ही दोनों देशों के बीच राजनयिक और आर्थिक संबंध तनावपूर्ण बने हुए थे, और अब भारत ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए सभी द्विपक्षीय व्यापारिक गतिविधियों को समाप्त कर दिया है.
सिंधु जल संधि पर भारत का स्पष्ट रुख
भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को एक सफल जल समझौता माना जाता रहा है. इस संधि के तहत भारत को रावी, ब्यास और सतलुज नदियों का नियंत्रण मिला है, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब पाकिस्तान के हिस्से में हैं. संधि भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित जलविद्युत परियोजनाएं बनाने की अनुमति देती है, बशर्ते वह संधि के प्रावधानों का पालन करे. वर्तमान प्रतिबंध के बावजूद, भारत ने सिंधु जल संधि पर अपने रुख को स्पष्ट किया है, हालांकि भविष्य में इस पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा.