Earthquake In Assam: मंगलवार सुबह असम के कार्बी आंगलोंग जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 4.1 मापी गई और इसका केंद्र धरती के 25 किलोमीटर नीचे था. यह झटका सुबह 9:22 बजे आया. झटके महसूस होते ही कुछ देर के लिए लोग घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए. राहत की बात है कि इस घटना में किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है. पिछले कुछ दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में भूकंपीय हलचलें देखी जा रही हैं, जिससे लोग सतर्क हो गए हैं.
अंडमान में लगातार दूसरे दिन कंपन, क्या है वजह?
सोमवार को अंडमान सागर में 4.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया. इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी. इससे ठीक एक दिन पहले यानी रविवार को भी इसी इलाके में लगभग इतनी ही तीव्रता का झटका महसूस किया गया था. लगातार दो दिन धरती कांपने से स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है. विशेषज्ञ इसे सामान्य भूकंपीय गतिविधि बता रहे हैं, लेकिन निगरानी जारी है.
जम्मू-कश्मीर भी नहीं बचा, लोग भागे घरों से बाहर
कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर में भी 3.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था. यह झटका शाम 7:36 बजे आया, जिसकी गहराई 9 किलोमीटर थी. हालांकि इस झटके से कोई नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इलाके में कुछ देर के लिए अफरा-तफरी मच गई. लोग एहतियातन खुले स्थानों की ओर भागते देखे गए.
अचानक क्यों बढ़ रही हैं भूकंप की घटनाएं?
पिछले कुछ समय से देश में हल्के से मध्यम तीव्रता के भूकंप लगातार दर्ज किए जा रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, धरती के भीतर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स की हरकतें इसकी मुख्य वजह होती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती या खिसकती हैं, तो उनके किनारों पर जमा तनाव अचानक बाहर निकलता है. इसी झटके को हम भूकंप के रूप में महसूस करते हैं.
वैज्ञानिकों ने क्या दी है चेतावनी?
भूकंप की तीव्रता भले ही हल्की हो, लेकिन लगातार झटकों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. NCS और अन्य विशेषज्ञ एजेंसियां ऐसे इलाकों में लगातार निगरानी रख रही हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि इन हलचलों को गंभीरता से लेना चाहिए और लोगों को आपदा प्रबंधन के प्राथमिक उपायों की जानकारी होनी चाहिए.
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