West Bengal: टिकट के बिना रेलयात्रा करने वालों पर रेलवे ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. बावजूद, इसके होशियारी दिखाएंगे तो हवाताल में खातिरदारी हो सकती है.
West Bengal: बेटिकट यात्रियों से रेलवे हमेशा से परेशान रहे हैं लेकिन, अब वह बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है. टिकट के बिना रेलयात्रा करने वालों पर रेलवे ने शिकंजा कसना शूरू कर दिया है. बावजूद, इसके होशियारी दिखाएंगे तो हवाताल में खातिरदारी हो सकती है. पूर्वी रेलवे ने पश्चिमी बंगाल के काकद्वीप में सघन टिकट जांच अभियान शुरू किया है. हालांकि, इसको रेलवे ने पॉजिटिव में लिया है और बताया कि गंगा सागर मेला 2025 में यात्रियों को वैध टिकट के साथ परेशानी मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है लेकिन, पकड़े जाने पर बेटिकट यात्रियां को खैर नहीं होगी.
प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पीसीसीएम) डॉ. उदय शंकर झा ने यात्रियों को सर्वोत्तम संभव सेवा प्रदान करने के लिए इन सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से निगरानी की है. 14 जनवरी.2025 को नामखाना और काकद्वीप स्टेशनों पर यात्रियों और टिकट बिक्री में 106.1% और 37.9% की वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष 14.जनवरी.2024 की तुलना में आय में 131.5% और 52.5% की वृद्धि हुई जो 4.2 लाख से बढ़कर 8.3 लाख हो गई. सियालदह के डीआरएम दीपक निगम ने यह भी कहा कि सियालदह डिवीजन सभी यात्रियों के लिए सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और यह विशेष अभियान हमारे समर्पण का प्रमाण है.
अभियान और संयुक्त कार्रवाई
पूर्वी रेलवे के प्रधान मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक (पीसीसीएम) डॉ. उदय शंकर झा ने सियालदह के मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक शशि रंजन कुमार, सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक रविशंकर प्रसाद और सहायक सुरक्षा आयुक्त आलोक जेना के साथ काकद्वीप में सघन टिकट जांच अभियान शुरू किया है, ताकि काकद्वीप और गंगा सागर जाने वाले यात्रियों को निर्बाध यात्रा का अनुभव सुनिश्चित किया जा सके. बेटिकट यात्रियों से परेशानी नहीं हो सके.
एम-यूटीएस की तैनाती
इस अभियान के तहत, सियालदह मंडल के डीआरएम दीपक निगम के गतिशील नेतृत्व में कई यात्री-अनुकूल उपायों को लागू किया है. लंबी कतारों से बचने के लिए, स्टेशन के दोनों ओर अतिरिक्त टिकट काउंटर स्थापित किए गए हैं. मोबाइल अनारक्षित टिकट प्रणाली (एम-यूटीएस) की तैनाती की गई है, जिससे बुकिंग क्लर्क सीधे यात्रियों से संपर्क कर टिकट जारी कर सकते हैं. यात्रियों को लाइन में खड़े होने की आवश्यकता नहीं होगी.
जानिए, तीर्थयात्रियों के लिए किस तरह की हुई व्यवस्था
- तीर्थयात्रियों (पुरुष, महिला और दिव्यांगजन) के लिए आधुनिक शौचालय
- जरूरतमंद यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता के लिए स्टेशन परिसर में मेडिकल बूथ की स्थापना.
- बूथ पर सेंट जॉन एम्बुलेंस की एक टीम की तैनाती.
- स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी कर्मियों की तैनाती.
- परिसर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं.
- ट्रेन में चढ़ने और उतरने में सहायता करने के लिए नागरिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती.