RCP Singh: भागलपुर पहुंचे जन सुराज पार्टी के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में अगर जन सुराज को ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो पार्टी अपनी सरकार बनाएगी. उन्होंने कहा कि पार्टी का मकसद बिहार की व्यवस्था, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करना है. बूथ स्तर तक संगठन को मज़बूत करने की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी जिलों में संगठनात्मक बैठकों के जरिए रणनीति तय की जा रही है. भागलपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए उन्होंने कई अहम राजनीतिक मुद्दों पर भी अपनी राय रखी.
बूथ स्तर पर मजबूत संगठन से मिलेगी सत्ता : आरसीपी
आरसीपी सिंह ने भागलपुर, बांका, मुंगेर और जमुई समेत कई विधानसभा सीटों पर मजबूती से चुनाव लड़ने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी और संगठन के साथी हर बूथ पर सक्रिय होंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का मतदाता पुनरीक्षण अभियान सराहनीय है, लेकिन इसके दौरान अगर किसी वास्तविक मतदाता का नाम कटता है तो पार्टी इसका विरोध करेगी.
उन्होंने कहा कि वोट देना हर नागरिक का मौलिक अधिकार है और इसे किसी हाल में छीना नहीं जाना चाहिए. फर्जी नाम हटाने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए, लेकिन असली मतदाता को किसी प्रक्रिया से डराना गलत है.
‘एनडीए की लहर नहीं, लहर तो समुद्र में होती है’
एनडीए के 225 सीट जीतने के दावे पर तंज कसते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि अगर ऐसा है तो फिर 243 सीटें जीतने की बात क्यों नहीं करते. उन्होंने दावा किया कि पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा नुकसान जेडीयू को चिराग पासवान के उम्मीदवारों के कारण हुआ था. प्रशांत किशोर पर दिए गए गोपाल मंडल के बयान पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा – “क्या गोपाल मंडल बिना खाए रह सकते हैं?”
उन्होंने याद दिलाया कि 2015 और 2020 के चुनावों में किसने रणनीति बनाई थी और किसने उम्मीदवारों के लिए मेहनत की थी.
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‘राजनीति में आने से किसी को नहीं रोका जा सकता’
मुख्यमंत्री के बेटे के चुनाव लड़ने की संभावना पर उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर 25 वर्ष की आयु पार कर चुका है और राजनीति में आना चाहता है, तो उसे नहीं रोका जा सकता – चाहे वह मुख्यमंत्री का बेटा हो या किसी आम नागरिक का.
भागलपुर आगमन पर कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. कार्यकर्ता सम्मेलन में उन्होंने सभी जिलों को बूथ स्तर तक मज़बूत करने की हिदायत दी. बैठक में जिलाध्यक्षों के साथ-साथ संगठन के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिनमें डॉ. ग़ाज़ी शरीफ़, बलजीत सिंह बिट्टू, चंदन सिंह, रमेश सिंह, अरविंद साह, रेणु कुशवाहा, इंतजार आलम, डॉ विकास पांडे आदि शामिल रहे.
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