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झारखंड

West Bengal: हावड़ा डिवीजन में रेलवे ट्रैक पर हाईटेक सुधार, सेफ्टी और स्पीड दोनों बढ़े

Published by
HelloCities24
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West Bengal: पूर्वी रेलवे के हावड़ा डिवीजन ने ट्रैक रखरखाव में बड़ी तकनीकी उपलब्धि हासिल की है. 16 जून को तालित स्टेशन की सीमा में यूपी लाइन नंबर-2 पर थिक वेब स्विच एक्सपेंशन जॉइंट (TWS SEJ) सफलतापूर्वक बिछाया गया. यह नई तकनीक ट्रैक को अधिक लचीला और मजबूत बनाती है, जिससे हाई टेंपरेचर और भारी ट्रैफिक वाले क्षेत्रों में ट्रेन संचालन ज्यादा सुरक्षित और सुगम होता है.

तय समय में ब्लॉक लेकर किए गए इस ऑपरेशन में 11 स्लीपर, 6.70 मीटर लंबी दो रेलें और एक नया TWS SEJ फिट किया गया, जो संरचनात्मक मजबूती और यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद अहम है.

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कैसे हुआ सफल ट्रैक ऑपरेशन

तालित स्टेशन के पास यह ऑपरेशन रात 01:50 से 04:50 बजे तक ट्रैफिक ब्लॉक लेकर किया गया. कार्य को समय पर पूरा करने के लिए 20 मजदूरों और कुशल लोहारों की दो टीमों ने सटीक तकनीकी तालमेल के साथ काम किया. इस दौरान रेलवे ट्रैक पर 11 मानक स्लीपर बिछाए गए जो विशेष रूप से थिक वेब SEJ के लिए डिज़ाइन किए गए थे.

6.70 मीटर लंबी दो रेलें बदली गईं और एक नया TWS SEJ लगाया गया. ब्लॉक समय पर समाप्त कर ट्रैफिक भी सामान्य कर दिया गया. यह न सिर्फ रेलवे के कुशल प्रबंधन को दर्शाता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उसकी गंभीरता का प्रमाण भी है.

क्या होता है TWS SEJ और क्यों है अहम

TWS SEJ (Thick Web Switch with SEJ) एक अत्याधुनिक एक्सपेंशन जॉइंट सिस्टम है जो ट्रैक में थर्मल एक्सपेंशन और वाइब्रेशन को सहने की बेहतर क्षमता देता है. इससे ट्रैक पर ट्रेनों की रफ्तार और स्थिरता दोनों में सुधार होता है. पुराने सिस्टम की तुलना में यह तकनीक कम मेंटेनेंस की जरूरत और ज्यादा ऑपरेशनल क्षमता देती है. पूर्वी रेलवे का यह कदम नेटवर्क के आधुनिकीकरण और सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है.

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