Hazaribagh News
Hazaribagh News: झारखंड के हजारीबाग कार्मेल स्कूल ने ICSE दसवीं बोर्ड परीक्षा में इस वर्ष शानदार प्रदर्शन करते हुए 100% सफलता दर हासिल की है. परीक्षा में शामिल सभी 110 छात्राएं उत्तीर्ण हुईं, जिनमें से 98 ने प्रथम श्रेणी में और 12 ने द्वितीय श्रेणी में सफलता प्राप्त की. विद्यालय की 15 छात्राओं ने 90% से अधिक अंक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है.
अस्लेसा नंदी और वैष्णवी कुमारी ने 96.8% अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से विद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है. बुसरा फातिमा ने 96.2% अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि प्रश्मी सिन्हा ने 95.2% अंक प्राप्त किए. श्रेया सिंह (93.4%), याचिका कुमारी (93.2%), पायल कुमारी (92.6%), अन्नया यादव (92.4%) और सृष्टि सरकार (91.2%) ने भी उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए विद्यालय के शीर्ष 10 छात्रों में अपनी जगह बनाई है.
प्राचार्य सिस्टर सबिता ने छात्राओं की इस शानदार सफलता पर उन्हें और उनके शिक्षकों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह सफलता छात्राओं और शिक्षकों की कड़ी मेहनत का परिणाम है.
अस्लेसा नंदी: 484 अंक प्राप्त कर विद्यालय टॉपर बनने वाली असलेसा नंदी ने अपनी सफलता का श्रेय नियमित अध्ययन और लक्ष्य-आधारित तैयारी को दिया है. उसने बताया कि वह प्रत्येक दिन विषयों की पढ़ाई के लिए एक लक्ष्य निर्धारित करती थी और उसी को ध्यान में रखकर मेहनत करती थी. अपनी पढ़ाई की रणनीति के बारे में बात करते हुए असलेसा ने कहा कि वह उन विषयों और टॉपिक्स के नोट्स और फॉर्मूले को दीवार पर चिपका देती थी जिनमें उसे परेशानी होती थी, ताकि उस पर उसकी नजर पड़ती रहे. उसने यह भी बताया कि वह किसी भी विषय में डाउट होने पर उसे तुरंत क्लियर करती थी और आगे बढ़ने की आदत नहीं थी. असलेसा ने कोचिंग और अतिरिक्त कक्षाओं के बजाय सेल्फ स्टडी पर अधिक ध्यान केंद्रित किया. उसका अगला लक्ष्य IIT क्रैक करना है.
वैष्णवी कुमारी: 484 अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से विद्यालय टॉपर बनीं वैष्णवी कुमारी ने अपनी सफलता का श्रेय नियमित रिवीजन, छोटे-छोटे टास्क निर्धारित करने और सेल्फ स्टडी को दिया है. उन्होंने बताया कि वह स्कूल में पढ़ाए जाने वाले विषयों पर अधिक ध्यान केंद्रित करती थीं और उन्होंने स्कूल के अलावा कोई अतिरिक्त क्लास नहीं लिया. वैष्णवी के पिता रवींद्र कुमार बिहार सचिवालय में सेक्शन ऑफिसर हैं और उनकी माता सावित्री देवी एक गृहिणी हैं. उनका अगला लक्ष्य JEE क्लियर करना है. उन्हें नोबेल पढ़ना पसंद है. उन्होंने छात्रों से पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया से दूर रहने की अपील की है.
बुसरा फातिमा: 481 अंक प्राप्त कर विद्यालय की दूसरी टॉपर बनीं बुसरा फातिमा ने बताया कि विद्यालय में होने वाले टेस्ट ने उनकी तैयारियों को आंकने में मदद की. कम अंक आने पर वह उन विषयों पर अधिक मेहनत करती थीं. उन्होंने कहा कि बार-बार विषयों को पढ़ने से उनके अंदर आत्मविश्वास बढ़ा, जिसने परीक्षा के समय तनाव को कम करने में मदद की. बुसरा का अगला लक्ष्य JEE क्रैक करना है.