Gudi Padwa 2025
Gudi Padwa 2025:हिंदू धर्म में हर माह अनेक व्रत और त्योहार पड़ते हैं. इन्हीं में से एक गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) पर्व है. हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा पर्व बड़ा विशेष माना जाता है. ये पर्व हर साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा से हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो जाती है.
Gudi Padwa 2025: हिंदू धर्म में गुड़ी पड़वा का पर्व अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है. यह त्योहार महाराष्ट्र में विशेष उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) के अवसर पर घरों में गुड़ी (विजय पताका) स्थापित की जाती है, जो समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है. ये पर्व पूरे देश में भड़े हर्ष के साथ मनाया जाता है. महाराष्ट्र में इस पर्व को विशेष रूप से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) पर अलग ही धूम होती है. महाराष्ट्र में इसकी विशेष महत्ता है. यहां इस पर्व का आयोजन विशेष धूमधाम से किया जाता है.
ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को संध्या 04 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है. इसलिए, 30 मार्च को गुड़ी पड़वा का उत्सव मनाया जाएगा.
गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) के दिन, सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में जागकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद, पूरे घर की सफाई करनी आवश्यक है. फिर, घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से तोरण लगाना चाहिए और रंगोली बनानी चाहिए. इसके बाद, घर के किसी एक स्थान पर गुड़ी (विजय पताका) को फहराना चाहिए. गुड़ी पड़वा के दिन, पूरे परिवार के साथ विधिपूर्वक ब्रह्मा जी की पूजा करनी चाहिए और देवी माता की भी आराधना करनी चाहिए. गुड़ी फहराने के पश्चात भगवान विष्णु की पूजा का आयोजन करना चाहिए.
ज्योतिषियों के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को संध्या 04 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर समाप्त होगी. सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है. इसलिए, 30 मार्च को गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) का उत्सव मनाया जाएगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो रही है. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर खत्म हो जाएगी. हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य होती है. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल गुड़ी पड़वा का पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा. इसी दिन पूजा भी की जाएगी.
गुड़ी पड़वा का त्योहार धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके साथ ही, यह पर्व जीवन में शुभता और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है. गुड़ी पड़वा(Gudi Padwa 2025) के अवसर पर घरों में गुड़ी (विजय पताका) स्थापित की जाती है, जो समृद्धि का प्रतीक होती है. इस दिन से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना गुड़ी पड़वा के दिन की थी, इसलिए इस दिन ब्रह्मा जी की पूजा का विशेष महत्व है.