GST Council Big Decision : 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में आम जनता और मध्यम वर्ग को राहत देने के साथ-साथ हानिकारक वस्तुओं पर कर का बोझ बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिए गए. सरकार ने जरूरी दवाइयों पर जीएसटी घटाकर उन्हें लगभग शून्य कर दिया है, जबकि पान मसाला, तंबाकू और लग्जरी कारों जैसी चीजों पर कर बढ़ाकर 40% कर दिया गया है.
जनता को राहत, हानिकारक वस्तुओं पर सख्ती
सरकार ने इस कदम के माध्यम से दो संदेश दिए हैं. एक ओर जहां आम आदमी को जीवनरक्षक दवाइयों और रोजमर्रा की आवश्यक चीजों में राहत दी गई है, वहीं हानिकारक और लग्जरी उत्पाद महंगे किए गए हैं. इस बदलाव से लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा और खरीद क्षमता दोनों को बढ़ावा मिलेगा, जबकि नशे और विलासिता से जुड़ी वस्तुएं महंगी होंगी.
क्रमांक | वस्तु | पुराना जीएसटी | नया जीएसटी |
---|---|---|---|
1 | पान मसाला | 28% | 40% |
2 | कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक | 28% | 40% |
3 | कैफीन युक्त पेय पदार्थ | 28% | 40% |
4 | बिना प्रसंस्कृत तंबाकू (बीड़ी को छोड़कर) | 28% | 40% |
5 | निकोटीन/तंबाकू युक्त इनहेलिंग उत्पाद | 28% | 40% |
6 | हाइब्रिड कारें (1200 सीसी / 1500 सीसी से ऊपर) | 28% | 40% |
7 | डीजल-हाइब्रिड लंबी गाड़ियां | 28% | 40% |
8 | अन्य गैर-मादक शीतल पेय | 18% | 40% |
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जीवनरक्षक दवाइयां अब सस्ती
जीएसटी काउंसिल ने 30 से अधिक गंभीर बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों को जीरो टैक्स श्रेणी में डालने का निर्णय लिया. इसके तहत इन दवाइयों पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा, जिससे मरीजों की आर्थिक बोझ में कमी आएगी.
क्रमांक | दवा का नाम (हिंदी) | पुराना जीएसटी | नया जीएसटी |
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1 | एगैल्सिडेज बीटा | 5% | शून्य |
2 | इमिग्लुसेरेज़ | 5% | शून्य |
3 | एप्टाकोग अल्फा | 5% | शून्य |
4 | ओनासेम्नोजीन एबेपरवोवेक | 12% | शून्य |
5 | एस्किमिनिब | 12% | शून्य |
6 | मेपोलिज़ुमैब | 12% | शून्य |
7 | डैराटुमुमैब | 12% | शून्य |
8 | टेक्लिस्टामैब | 12% | शून्य |
9 | अमिवैन्टामैब | 12% | शून्य |
10 | रिस्डिप्लैम | 12% | शून्य |
11 | अन्य सभी दवाइयां | 12% | 5% |
जूते और कपड़े भी हुए सस्ते
त्योहारी सीजन को देखते हुए आम आदमी को राहत देने के लिए 2,500 रुपये तक की कीमत वाले फुटवियर और परिधानों को पांच प्रतिशत कर के स्लैब में रखा गया. इससे पहले 1,000 रुपये तक की कीमत वाले जूते-चप्पल और कपड़े ही पांच प्रतिशत कर के तहत आते थे. अब केवल दो टैक्स स्लैब—5% और 18%—मान्य किए गए हैं, जिससे खरीदारी और सरल और सस्ती होगी.
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