मासूम बच्चे की हत्या के मामले में फैसला आया
Gopalganj News: बिहार के गोपालपुर में छह साल के मासूम बच्चे की हत्या के मामले में फैसला आया. इसमें बड़ी मां को दोषी ठहारा गया. शुक्रवार 28 मार्च, 2025 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मानवेंद्र मिश्र की अदालत ने उर्मिला देवी को इस हत्या के मामले में दोषी पाया और उम्रकैद के साथ एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई. अर्थदंड की राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर उन्हें छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. फैसला सुनकर वह रोड पड़ी. जिले में नए कानून (बीएनएस) के तहत यह पहला फैसला आया है
अपर लोक अभियोजक जयमराम साह ने कोर्ट में साक्ष्य के साथ कहा कि मासूम बच्चा अजय अभियुक्त को बड़ी मां कहकर बुलाता था. संपत्ति के लालच में उर्मिला देवी ने अपने सगे देवर के इकलौते पुत्र की अपने हाथों से गला घोंटकर मार डाला है. कोर्ट में कठोर सजा देने की मांग की गई. हत्या की घटना करीब नौ महीने पुरानी है. 9 दिनों में स्पीडी ट्रायल चलाकर यह फैसला सुनाया गया है.
हालांकि बचाव पक्ष ने कहा हत्या करते किसी ने नहीं देखा. केवल शक के आधार पर अभियोजन ने उर्मिला देवी को फंसा दिया. घटना के समय उर्मिला देवी खेत में कार्य कर रही थीं. कुत्ते द्वारा दुपट्टा सूंघकर घर तक पहुंच जाना साक्ष्य की श्रेणी में नहीं आता. एपीपी ने कोर्ट में सात वर्ष की बच्ची बीना कुमारी जो कांड की चश्मदीद थी उसके बयान को कोर्ट ने महत्वपूर्ण माना.
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सिधवलिया थाना क्षेत्र के पंडितपुर गांव का मामला है. 13 अगस्त 2024 को दिन में अशोक चौरसिया की पत्नी सुमित्रा देवी स्कूल में काम करने चली गई. घर पर छह साल का इकलौता बेटा अजय कुमार, करीब 15 साल की बेटी पूनम कुमारी और अन्य बेटियां थीं. दोपहर करीब 2.20 बजे लौटी तो उनका बेटा कहीं नहीं दिखा. तब लड़की से बेटे के बारे में पूछा तो उसने बताया कि बड़ी मम्मी ने 10 रुपये देकर बाबू के लिए कुरकुरे लाने को कहा था. जब वह कुरकुरे लेकर आई तो बाबू नहीं था. उसी दिन करीब 5 बजे शाम में घर से थोड़ी दूर मक्के के खेत में अजय कुमार का शव पड़ा मिला.