Flood News: उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना नदियों का उफान लोगों की जान-माल पर भारी पड़ रहा है. राज्य के 17 जिलों की 37 तहसीलों के 402 गांव बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो चुके हैं. राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि अब तक 84 हजार से अधिक लोगों की दिनचर्या बाढ़ के पानी में उलझ चुकी है. राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी के जवान लगातार गश्त कर रहे हैं और जरूरतमंदों तक राहत पहुंचा रहे हैं.
17 जिले चपेट में, हजारों खेत जलमग्न
बाढ़ की चपेट में आए जिलों में कानपुर नगर, लखीमपुर खीरी, आगरा, औरैया, चित्रकूट, बलिया, बांदा, गाजीपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, जालौन, कानपुर देहात, हमीरपुर, इटावा और फतेहपुर शामिल हैं. इन जिलों में बाढ़ से अब तक 343 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. वहीं 4,015 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है. राहत कार्यों में 493 नावें और मोटरबोटें लगाई गई हैं ताकि फंसे लोगों तक मदद पहुंचाई जा सके.
खाने से लेकर इलाज तक, प्रशासन ने कसी कमर
अब तक बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच 76 हजार 632 खाद्य पैकेट वितरित किए जा चुके हैं. साथ ही, ताजा भोजन के लिए 29 सामुदायिक रसोइयां यानी लंगर लगाए गए हैं. राहत आयुक्त ने बताया कि राज्यभर में 905 बाढ़ आश्रय स्थल बनाए गए हैं जिनमें 11 हजार 248 लोग अभी भी रह रहे हैं. इन इलाकों में 757 स्वास्थ्यकर्मी लगातार चिकित्सीय निगरानी में जुटे हैं. साथ ही 1,193 बाढ़ चौकियां स्थापित कर प्रशासन पल-पल की स्थिति पर नजर रखे हुए है.
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