कंटेनर पर चढ़कर किसानों का प्रदर्शन शुरू
Farmer Protest : नोएडा से हजारों की संख्या में किसानों का आज दिल्ली कूच शुरू हो गया है. किसानों के दिल्ली कूच की वजह से नोएडा के कई इलाकों में भारी जाम लगा हुआ है. पुलिस ने नोएडा में दलित प्रेरणा स्थल पर बैरिकेड्स लगाए थे जिसे किसानों ने तोड़ दिया गया.
Farmer Protest : किसान दिल्ली की ओर बढ़ गए हैं. उन्हें रोकने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. कंटेनर पर चढ़कर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. मार्च शुरू होने के कारण चिल्ला बॉर्डर पर सुबह ट्रैफिक जाम देखा गया. पुलिस ने एडवाइजरी जारी करके कहा है कि लोग मेट्रो का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें. भारतीय किसान परिषद (बीकेपी) के नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि नए कृषि कानूनों के तहत उचित मुआवजे और बेहतर लाभ की मांग को लेकर दिल्ली की ओर हम कूच कर रहे हैं.
दरअसल, किसानों ने आज संसद भवन के घेराव का ऐलान किया. पैदल और ट्रैक्टरों पर बैठकर किसानों का विशाल समूह दिल्ली की ओर बढ़ रहा है.
प्रदर्शनकारी किसानों ने अम्बेडकर पार्क के सामने पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ दी है. दिल्ली कूच के लिए आमादा किसान कंटेनर और बैरीकेड की लेयर तोड़कर आगे आ गए हैं और बीच सड़क पर बैठ गए हैं. इससे पहले किसानों ने महामाया पर भी पुलिस की बैरिकेडिंग को तोड़ दिया. किसानों के इस आंदोलन के चलते नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पूरा तरह से बंद हो गया है. फ्लाईओवर के नीचे पूरा एक्सप्रेस वे बंद हो गया है जिससे काफी लंबा जाम लग गया है.
रविवार को सुखबीर खलीफा ने कहा, ”हम दिल्ली की ओर मार्च के लिए तैयार हैं. हम नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे से अपना मार्च शुरू करेंगे. दोपहर तक, हम वहां पहुंच जाएंगे. नए कानूनों के अनुसार अपने मुआवजे और लाभ की मांग करेंगे.
किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के महासचिव सरवन सिंह पंधेर की प्रतिक्रिया मार्च को लेकर आई है. उन्होंने कहा कि शंभू सीमा (पंजाब-हरियाणा सीमा) पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान 6 दिसंबर को अन्य किसानों के साथ शामिल होंगे. ये किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर बैठे हुए हैं. दिल्ली की ओर मार्च करने की कोशिश को राजधानी की सीमाओं पर तैनात सुरक्षा बलों द्वारा रोक दिया गया था.
बीकेपी का यह मार्च किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम, गैर-राजनीतिक) द्वारा किए जा रहे इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों के इतर है. इनके सदस्य 6 दिसंबर से दिल्ली की ओर मार्च करना शुरू करेंगे. केरल, उत्तराखंड और तमिलनाडु के किसान संगठन भी उसी दिन प्रतीकात्मक मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं.