Bhagalpur News: बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी ने आज भागलपुर में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर जिले की आपदा तैयारियों, विधि व्यवस्था और आगामी श्रावणी मेला 2025 की पूर्व-तैयारियों का गहनता से जायजा लिया. समाहरणालय स्थित समीक्षा भवन में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई सख्त निर्देश दिए, जिसमें सितंबर माह तक मुंगेर-मिर्जाचौकी पथ को हर हाल में पूरा करने का फरमान भी शामिल है.
जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने उपमुख्यमंत्री को विभिन्न विकास परियोजनाओं और महत्वपूर्ण आयोजनों से संबंधित अद्यतन स्थिति से अवगत कराया. यह बैठक भागलपुर के समग्र विकास और जनसुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.
बैठक में बाढ़-सुखाड़ (आपदा) से संबंधित तैयारियों की समीक्षा प्रमुखता से की गई. उपमुख्यमंत्री ने बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, भागलपुर/नवगछिया के कार्यपालक अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश दिया कि क्षतिग्रस्त बांधों को बाढ़ आने से पहले हर हाल में दुरुस्त कर लिया जाए. उन्होंने मानसून से पहले सभी आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया ताकि संभावित बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सके और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. यह निर्देश जिले में आपदा प्रबंधन की संवेदनशीलता और उसकी तात्कालिकता को दर्शाता है.
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला 2025 की तैयारियों पर भी विस्तार से चर्चा हुई. जिलाधिकारी ने बताया कि यह मेला इस वर्ष 11 जुलाई से 9 अगस्त 2025 तक आयोजित होगा. उन्होंने जानकारी दी कि पिछले वर्ष इस मेले में 2 करोड़ 11 लाख श्रद्धालु और शिव भक्त आए थे, जिसके लिए आधारभूत संरचनाओं का विकास, मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था और श्रद्धालुओं के आराम तथा आवासन की अभूतपूर्व व्यवस्था की गई थी. इस वर्ष भी तैयारियों को लेकर जिला स्तरीय बैठकें हो चुकी हैं.
उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक कार्य कराए जाएं और मेले को और अधिक सुसज्जित किया जाए, साथ ही कांवरियों की सुविधाओं में वृद्धि की जाए. उन्होंने सुल्तानगंज जहाज घाट के निकट रेलवे की 7 एकड़ भूमि पर पर्यटन की दृष्टि से सुविधाओं के विस्तार पर भी जोर दिया. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार, पटना से अनुरोध किया गया है कि भागलपुर जिला अंतर्गत अंचल सुलतानगंज स्थित रेलवे की अनुपयोगी भूमि को श्रावणी मेला अवधि में जनहित में उपयोग में लाने के उद्देश्य से बिहार सरकार को हस्तांतरित करने हेतु विभागीय अनापत्ति निर्गत की जाए.
बैठक में विधि व्यवस्था की स्थिति के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की भी समीक्षा की गई. ईएसआईसी (राज्य कर्मचारी बीमा निगम अस्पताल) के स्थापना हेतु सबौर अंचल के मौजा कुरपट में बिहार सरकार की भूमि के सशुल्क हस्तांतरण का प्रस्ताव आयुक्त, भागलपुर प्रमंडल को स्वीकृति हेतु उपलब्ध कराया गया है. उपमुख्यमंत्री ने इस कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया.
विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए भागलपुर जिला अंतर्गत कहलगांव अंचल के मौजा अंतिचक में 117 एकड़ और मौजा मलकपुर में 98 एकड़, कुल 215 एकड़ भूमि के अर्जन की प्रक्रिया प्रारंभ करने हेतु अधियाचना विभाग से प्राप्त हुई है. उपमुख्यमंत्री ने इस दिशा में भी तेजी से आगे बढ़ने का निर्देश दिया.
इसके अतिरिक्त, पीरपैंती में बनने वाले पावर प्लांट की जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया भी विचाराधीन है. गंगा पर रेल ब्रिज से संबंधित भू-अर्जन हेतु रेलवे से प्राप्त पहुंच पथ के लिए भूमि को चिह्नित करने तथा संबंधित अभिलेखों की प्रारंभिक जांच की जा रही है. एनएचएआई द्वारा निर्माणाधीन हाईवे की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की गई.
समीक्षा बैठक का एक अन्य महत्वपूर्ण बिंदु मुंगेर-मिर्जाचौकी पथ का निर्माण रहा. माननीय उपमुख्यमंत्री ने इस परियोजना को लेकर सख्त निर्देश दिया कि जनता की सुविधा को देखते हुए हर हाल में सितंबर माह से पूर्व इस पथ को तैयार कर लिया जाए. यह निर्देश परियोजना को तय समय-सीमा में पूरा करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
बैठक में माननीय विधायक कहलगांव श्री पवन कुमार यादव, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री हृदय कांत, उप विकास आयुक्त श्री प्रदीप कुमार सिंह, अनुमंडल पदाधिकारी नवगछिया श्री ऋतुराज प्रताप सिंह, अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन श्री कुंदन कुमार सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे.