Ekadashi Vrat 2025: हिन्दू धर्म में प्रत्येक तिथि और व्रत का अलग-अलग महत्व है. इन्ही में से एक एकादशी व्रत(Ekadashi Vrat) है और इसका भी विशेष महत्व है. एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. नये साल 2025 में 25 एकदशी व्रत है. आइए, यहां देखें पूरी लिस्ट.
Ekadashi Vrat 2025: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत(Ekadashi Vrat) का अत्यधिक महत्व है. यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. प्रत्येक महीने में दो एकादशी तिथियां होती हैं, एक कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में.इस प्रकार, एक वर्ष में कुल 24 या 25 एकादशी व्रत होते हैं. नये साल 2025 में 25 एकादशी व्रत पड़ रहा है. दरअसल, यह व्रत भगवान श्री विष्णु को समर्पित होता है और महीने में दो बार होता है. संतान प्राप्ति, पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति के लिए एकादशी व्रत रखने की विशेष सलाह दी जाती है. इसे जीवन के कष्टों को समाप्त करने और जन्म-मृत्यु के बंधन से मुक्ति दिलाने वाला माना जाता है. यही वजह है कि तमाम व्रत और उपवासों में सर्वाधिक महत्व एकादशी के व्रत को दिया जाता है.
10 जनवरी 2025 | शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
25 जनवरी 2025 | शनिवार | षटतिला एकादशी |
08 फरवरी 2025 | शनिवार | जया एकादशी |
24 फरवरी 2025 | सोमवार | विजया एकादशी |
10 मार्च 2025 | सोमवार | आमलकी एकादशी |
25 मार्च 2025 | मंगलवार | पापमोचनी एकादशी |
08 अप्रैल 2025 | मंगलवार | कामदा एकादशी |
24 अप्रैल 2025 | गुरुवार | वरुथिनी एकादशी |
08 मई 2025 | गुरुवार | मोहिनी एकादशी |
23 मई 2025 | शुक्रवार | अपरा एकादशी |
06 जून 2025 | शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
21 जून 2025 | शनिवार | योगिनी एकादशी |
06 जुलाई 2025 | रविवार | देवशयनी एकादशी |
21 जुलाई 2025 | सोमवार | कामिका एकादशी |
05 अगस्त 2025 | मंगलवार | श्रावण पौत्रदा एकादशी |
19 अगस्त 2025 | मंगलवार | अजा एकादशी |
03 सितंबर 2025 | बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
17 सितंबर 2025 | बुधवार | इंदिरा एकादशी |
03 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
17 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | रमा एकादशी |
02 नवम्बर 2025 | रविवार | देवउत्थान एकादशी |
15 नवम्बर 2025 | शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
01 दिसम्बर 2025 | सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
15 दिसम्बर 2025 | सोमवार | सफला एकादशी |
30 दिसम्बर 2025 | मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
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मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति के साथ एकादशी व्रत का पालन करता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है। व्रत करने वाले को दशमी तिथि से ही संयम और नियमों का पालन शुरू कर देना चाहिए। जातक को एकादशी के दिन व्रत रखकर, द्वादशी तिथि को पारण करना चाहिए।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): यह लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है. यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए HelloCities24 उत्तरदायी नहीं है.