भागलपुर में हर साल 5 करोड़ का तंबाकू चबा रहे लोग
Bhagalpur News: विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर जारी आंकड़ों ने चौंका दिया है. भागलपुर में हर साल औसतन 5 करोड़ रुपये के तंबाकू उत्पादों का कारोबार हो रहा है, जिसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है. अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 तक जिले में मुंह के कैंसर के 38 नए पुष्ट मामले सामने आए हैं. इनमें 36 पुरुष और 2 महिलाएं शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल 13 लाख लोग तंबाकू से होने वाली बीमारियों के कारण मर जाते हैं, यानी हर घंटे 154 मौतें. दुनिया भर में यह आंकड़ा 70 लाख से ज़्यादा है, जिसमें 8.90 लाख मौतें दूसरों के धूम्रपान से होती हैं. भागलपुर और आसपास के जिलों में भी तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर सहित कई जानलेवा बीमारियों का कारण बन रहा है.
मायागंज और सदर सहित अन्य अस्पतालों में अप्रैल 2024 से अप्रैल 2025 तक 28,802 लोगों के मुंह की जांच की गई. इनमें 95% मामले उन लोगों में पाए गए जो गुटखा, पान, बीड़ी, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों का सेवन करते थे. होमी भाभा कैंसर अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर और बिहार सरकार द्वारा संचालित कैंसर सेवा केंद्र मेडिकल कॉलेज भागलपुर ने इन मरीजों की जांच की.
भागलपुर पान-तंबाकू दुकानदार एसोसिएशन के अनुसार, जिले में प्रतिमाह 5 करोड़ रुपये के तंबाकू उत्पादों का कारोबार हो रहा है, जबकि बिहार सरकार ने सिगरेट को छोड़कर गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया हुआ है.
सरकार के नियमों के अनुसार, शिक्षण संस्थानों और अस्पतालों के 200 मीटर के दायरे में किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद की बिक्री पर प्रतिबंध है. इसके बावजूद, कानून की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम गुटखा, खैनी और अन्य तंबाकू उत्पाद स्कूलों, कॉलेजों, ट्यूशन सेंटरों और अस्पतालों के आसपास बेचे जा रहे हैं. कोटपा अधिनियम के तहत इस पर रोक लगाने की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की है.
डॉ. पंकज मनस्वी, जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी के अनुसार, “तंबाकू हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक है. युवा सहित हर वर्ग के लोग तंबाकू से परहेज करें. अगर कोई तंबाकू छोड़ना चाहता है तो वह सदर अस्पताल स्थित एनसीडी कार्यालय में संपर्क कर सकता है.”