आपकी रुचि के अनुसार

- Advertisment -
धनबाद

धनबाद के दामाद रामबाबू सिंह सीमा पर शहीद, 5 महीने पहले बंधी थी डोर

Published by
HelloCities24
- Advertisment -

India vs Pakistan War: जम्मू में पाकिस्तान की सीमा पर तैनात धनबाद के दामाद और बिहार के सीवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव के निवासी, आर्मी जवान रामबाबू सिंह कर्तव्य निभाते हुए शहीद हो गए. उनका ससुराल धनबाद जिले के डिगवाडीह स्टेडियम के पास है. आर्मी के आरटी ब्रिगेड में तैनात रामबाबू सिंह सोमवार दोपहर दुश्मन के ड्रोन हमले को एस-400 मिसाइल से निष्क्रिय करने के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बुधवार को शहीद रामबाबू का पार्थिव शरीर उनके गृह राज्य बिहार पहुंचा.

पत्नी एयर इंडिया में कार्यरत है

रामबाबू सिंह का विवाह बीते वर्ष 14 दिसंबर को धनबाद की अंजली सिंह के साथ हुआ था. इस वर्ष होली के अवसर पर वे अपनी पत्नी के साथ अपने गांव आए थे. उनकी पत्नी अंजली से उनकी अंतिम बातचीत सोमवार सुबह करीब 10.30 बजे हुई थी. उनके ससुर, सुभाष चंद्र शर्मा ने बताया कि दुखद सूचना मिलते ही वे अपनी बेटी अंजलि सिंह के साथ सीवान के लिए रवाना हो गए हैं. अंजली सिंह एयर इंडिया में कार्यरत हैं.

परिवार के सदस्यों के अनुसार, सोमवार सुबह लगभग 10.30 बजे अंजली और रामबाबू के बीच फोन पर कुछ मिनटों की बातचीत हुई थी. रामबाबू ने अपनी ड्यूटी का हवाला देते हुए शाम को वापस कॉल करने का वादा किया था. दुर्भाग्यवश, वह कॉल अब कभी नहीं आएगा.

इसे भी पढ़ें-

रामबाबू सिंह ने वर्ष 2017 में भारतीय सेना में अपनी सेवा शुरू की थी. महज 19 वर्ष की आयु में वे आर्मी के आरटी ब्रिगेड का हिस्सा बने, जहां उन्हें आयुध संचालन और अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी जाती थीं. अपने लगभग सात वर्षों के सेवाकाल में, उन्होंने विभिन्न स्थानों पर अपनी सेवाएं दीं और वर्तमान में जम्मू में तैनात थे. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करने के लिए चलाए गए अभियान में भी रामबाबू सक्रिय रूप से शामिल थे.

रामबाबू सिंह की शहादत देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है. उनकी बहादुरी और समर्पण सदैव याद किए जाएंगे. HelloCities24 रामबाबू के परिवार के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती है.

- Advertisment -
Published by
HelloCities24

अन्य खबरें