Jharkhand High Court: देवघर चारा घोटाले में सजा काट चुके आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं. झारखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा दायर उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया जिसमें सजा बढ़ाने की मांग की गई है.
सीबीआई का कहना है कि इस मामले में सह आरोपी को सात साल की सजा मिली, जबकि मास्टरमाइंड कहे गए लालू यादव को सिर्फ साढ़े तीन साल की. इसी असमानता को चुनौती दी गई है. कोर्ट ने अब इस अपील पर विस्तृत सुनवाई की तैयारी शुरू कर दी है.
कोर्ट में सीबीआई ने रखा पक्ष, कहा- मास्टरमाइंड को मिली कम सजा
सीबीआई की ओर से अधिवक्ता दीपक कुमार भारती ने दलील दी कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मास्टरमाइंड लालू यादव को मात्र साढ़े तीन साल की सजा और 5 लाख का जुर्माना हुआ, जबकि सह आरोपी जगदीश शर्मा को सात साल जेल और 10 लाख का जुर्माना लगा. यह कानूनी रूप से असंगत है. कोर्ट ने इन तर्कों को गंभीरता से लेते हुए अपील को सुनवाई योग्य माना.
ये हैं याचिका में नामजद अन्य दो दोषी
लालू यादव के अलावा इस याचिका में दो और दोषियों के नाम हैं — पूर्व आईएएस अधिकारी बेक जूलियस और कोषागार अधिकारी सुवीर भट्टाचार्य. दोनों को भी इसी घोटाले में साढ़े तीन साल की सजा दी गई थी, जिसे सीबीआई ने “कमतर” बताया है. अब तीनों की सजा बढ़ाने पर झारखंड हाईकोर्ट में नई बहस होगी.
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