Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा में सबसे कम विधायक चुनावी मैदान में है. वर्ष 1998 का रिकॉर्ड टूट गया है.
Delhi Election 2025: पिछले चुनावों की तुलना में इस बार दिल्ली विधानसभा चुनावों में सबसे कम विधायक चुनावी मैदान में है. इस बार 48 विधायक चुनावी अखाड़े में है. वर्ष 1998 की बात करें, तो तब 49 विधायकों ने चुनाव लड़ा था. 2013 का रिकॉर्ड सबसे बड़ा था, जब 67 विधायकों ने चुनाव लड़ा था.
चुनावी मैदान में सबसे कम विधायक क्यों?
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे कम विधायक रहने के पीछे की वजह आप पार्टी है. यह आम आदमी पार्टी (आप) द्वारा बड़ी संख्या में अपने विधायकों के टिकट काटने का रहा है. 2020 में आप ने 62 विधायकों को टिकट दिया था, लेकिन इस बार पार्टी ने केवल 36 विधायकों को ही चुनावी टिकट दिया है. इसके अलावा, पार्टी के तीन विधायक भाजपा और दो विधायक कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एक विधायक निर्दलीय मैदान में हैं. भाजपा ने भी अपने एक विधायक का टिकट काटा है, और एक विधायक सांसद चुन लिया गया है.
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विधायकों की संख्या का इतिहास भी दिलचस्प
वर्ष 1993 में चुने गए 70 विधायकों में से 49 ने 1998 में चुनाव लड़ा, लेकिन उनमें से केवल 29 विधायक ही जीत पाए थे. वर्ष 2003 में 58 विधायकों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से 46 विधायक ही जीतने में सफल हुए थे. 2008 में 62 विधायकों ने चुनावी समर में भाग लिया, जिनमें से 49 विधायक जीते थे. 2013 में सबसे ज्यादा 67 विधायकों ने चुनाव लड़ा, और उनमें से 21 विधायक ही जीत सके. 2015 में 62 विधायकों ने चुनाव लड़ा, जिनमें से 22 ही जीत पाए. 2020 में 52 विधायकों ने चुनाव लड़ा, और उनमें से 45 विधायक विजयी रहे थे. इस बार 48 विधायक चुनाव लड़ रहे हैं. विधानसभा चुनावों में विधायकों की संख्या का इतिहास कुछ इस तरह से दिलचस्प रहा है.