Source ABP News
Chief Election Commissioner: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार (17 फरवरी, 2025) शाम को दिल्ली में बैठक की और माना जाता है कि इसमें नाम तय हो गया है और समिति की ओर से नये मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई है.
Chief Election Commissioner: दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने सोमवार (17 फरवरी, 2025) शाम को बैठक की. सूत्रों की मानें, तो नये मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम तय हो गया है और समिति की ओर से नये मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम की सिफारिश राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई है. कांग्रेस ने सुझाव दिया था कि सरकार मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन के लिए बैठक को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तक स्थगित कर दे.
सरकार के सूत्रों के अनुसार अगले सीईसी के नाम की घोषणा करने वाली अधिसूचना जारी की जा सकती है. मौजूदा सीईसी राजीव कुमार मंगलवार (18 फरवरी, 2025) को पद से रिटायर हो रहे हैं. पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी समिति का हिस्सा हैं.
कांग्रेस ने कहा-एक-दो दिनों के लिए बैठक को स्थगित करनी चाहिए थी
कांग्रेस की ओर से यह कहा गया कि समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है. केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली ये समिति है. पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से चीफ जस्टिस को बाहर रखने का मतलब है कि यह सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है.
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क्या कहा कांग्रेस?
कांग्रेस नेता अजय माकन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ‘आज मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) के चुनाव से जुड़ी बैठक हुई. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 19 फरवरी को इस मामले की सुनवाई होगी और समिति का गठन कैसा हो, इस पर फैसला दिया जाएगा. ऐसे में आज की बैठक को टाल दिया जाना चाहिए था.’
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सिंघवी के हवाले से कहा, ‘सबसे पहले, हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि यह समिति 2 मार्च, 2023 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन करती है, जहां अनूप बरनवाल बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने घोषणा की थी कि सीईसी और ईसी की नियुक्ति पीएम, एलओपी और सीजेआई वाली समिति की ओर से की जानी चाहिए.’