Bokaro News: बोकारो के कसमार प्रखंड स्थित नक्सल प्रभावित हिसीम पहाड़ पर आधी रात को जंगल के बीच सड़क निर्माण कार्य होते देख ग्रामीण भड़क उठे. ठेकेदार द्वारा घटिया निर्माण की आशंका पर ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवा दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि गुणवत्ता के नाम पर बड़ा समझौता हो रहा है और आधी रात को काम शुरू करवाकर ठेकेदार मनमानी कर रहा है.
आधी रात शुरू हुआ पिचिंग, ग्रामीणों ने पकड़ी पोल
शनिवार रात करीब 10 बजे आधा दर्जन हाइवा और दर्जनों मजदूरों को लेकर ठेकेदार सड़क की पिचिंग कराने पहुंचा. ग्रामीणों ने देखा कि दो इंच के बजाय एक इंच से भी कम मोटाई की पिचिंग की जा रही थी. इसके अलावा न बोल्डर बिछाया गया था, न रोलर चलाया गया था. जैसे ही हिसीम, केडला, चौड़ा, देसवल और आसपास के गांवों के ग्रामीणों को जानकारी मिली, वे बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे और विरोध कर काम रुकवा दिया.
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पुलिया चार महीने में ही दरक गई

ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य में भारी लापरवाही हो रही है. कई जगहों पर पीसीसी में दरारें आ चुकी हैं और चार महीने के भीतर बनी एक पुलिया पूरी तरह से दरक गई है. ढलाई के समय पानी नहीं डाला गया और भीषण गर्मी में बिना मानकों के काम किया गया. ऐसी स्थिति में भारी वाहन चलने से हादसे की आशंका बनी रहती है.
बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र, वन भूमि पर चल रहा निर्माण
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि वन विभाग की अनुमति के बिना ही वन भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा है. वनकर्मी ठाकुरदास महतो ने बताया कि अभी तक विभाग की ओर से कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है और न ही उनकी मौजूदगी में मापी की गई है. ठेकेदार ने अपने स्तर से जमीन नापकर काम शुरू कर दिया है.
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नहीं लगाया गया शिलापट्ट
स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे निर्माण स्थल पर कहीं भी योजना से संबंधित जानकारी नहीं दी गई है. शिलान्यास के समय लगाया गया शिलापट्ट भी अब हटा दिया गया है. नियमों के अनुसार शिलापट्ट पर योजना की जानकारी देना अनिवार्य होता है.
अभियंता की निगरानी में हो काम
ग्रामीणों की मांग है कि निर्माण कार्य अभियंता की निगरानी में हो ताकि गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके. उन्होंने पूर्व के कार्यों की भी जांच और सुधार की मांग की है. विरोध में आनंद कुमार महतो, झरीराम महतो, नितेश करमाली, ठाकुर महतो समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे.
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