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Thursday, October 16, 2025
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Bhagalpur बाजार क्षेत्र में कूड़े-कचरे का ढेर, राहगीर से लेकर दुकानदार तक परेशान

बाजार में इन दिनों सफाई व्यवस्था समुचित नहीं होने से जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लग गया है.

बाजार में इन दिनों सफाई व्यवस्था समुचित नहीं होने से जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लग गया है. कूड़ा-कचरा सामाजिक संगठनों के स्वच्छ भारत मिशन अभियान की पोल खोल रहा है. ज्यों-ज्यों लीची व आम की आवक बाजार में बढ़ी है, त्यों-त्यों गंदगी फैलती ही जा रही है. इसे लेकर नगर निगम व संबंधित कारोबारी कोई वैकल्पिक उपाय नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सामान्य कारोबारियों व स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. बढ़ रहा है मच्छर का प्रकोपशहर के मुख्य बाजार क्षेत्र के लोहिया पुल के नीचे स्टेशन की ओर, लोहापट्टी-फल मंडी, खलीफाबाग पिक्चर पैलेस के सामने, आनंद चिकित्सालय रोड में शीतला स्थान के समीप, इनारा चौक, बाजार के मुख्य मार्ग समेत अन्य स्थानों पर साफ-सफाई की व्यवस्था गड़बड़ हो गयी है. जगह-जगह कूड़े-कचरे का अंबार लग गया है. इससे मच्छरों का प्रकोप होने के फलस्वरूप कई घातक बीमारी होने की आशंका बढ़ गयी है,

जगह-जगह लग रहा है जाम, आवारा पशुओं की बढ़ गयी है संख्याइनारा चौक, खलीफाबाग, कोतवाली चौक व लोहापट्टी उल्टा पुल के समीप कचरे के ढेर की वजह पैदल चलना मुश्किल हो रहा है. कूड़े-कचरे के कारण आवारा पशुओं की संख्या बाजार में बढ़ गयी है. वेराइटी चौक के दुकानदार दीपक सानन ने बताया कि इनारा चाैक पर पूरा रास्ता ही बंद हो चुका है. दुकानदारों को भी डस्टबिन में कचरा फेंकना चाहिए, ताकि दिन भर सड़क पर कचरा पड़ा नहीं रहे.

दुकानदारों ने जताया रोष

लगन के दौरान भी यही स्थिति रही तो व्यवसायी एकजुट होकर ठोस निर्णय लेंगे. कूड़े से लाखों का कारोबार प्रभावित हो रहा है.

श्रवण बाजोरिया, अध्यक्ष, इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज

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सफाई व्यवस्था कभी ठीक नहीं रही है. हाल के दिनों में और बदतर हो गयी. इससे सड़क पर कचरे का ढेर लग गया.

अनिता देवी, आनंद चिकित्सालय रोड

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कूड़े-कचरे के कारण आवारा पशुओं की संख्या बाजार में बढ़ गयी है. इनारा चाैक पर पूरा रास्ता ही बंद हो जाता है.

शिव गोयल, व्यवसायी, मुख्य बाजार

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दुकानदारों को भी डस्टबिन में कचरा फेंकना चाहिए, ताकि दिन भर सड़क पर कचरा पड़ा नहीं रहे. इसके लिए लगातार जागरूकता अभियान की जरूरत है.

रचित बजाज, सामाजिक कार्यकर्ता

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बाजार क्षेत्र में सफाई व्यवस्था का हाल एकदम बेहाल हो चुका है. मुख्य वजह सफाई एजेंसी है. वार्ड 38 सभी वार्डों में से सबसे प्रमुख वार्ड माना जाता है.आयुष केजरीवाल, इनारा चौक

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सफाई एजेंसी की लापरवाही के कारण बाजार में सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है. लोहा पट्टी एवं इनारा चौक का हाल तो एकदम बेहाल हो चुका है.

शशि टेबड़ेवाल, कोतवाली चौक

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MODI 3.0 सरकार में रांची के सांसद संजय सेठ बने राज्यमंत्री, भाजपा कार्यकर्ता से मंत्री तक का जानें सफर

रांची से लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने वाले भाजपा के संजय सेठ को MODI 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है. राष्ट्रपति ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

Modi 3.0 में Sanjay Seth|रांची लोकसभा सीट से लगातार दो बार चुनाव जीतने वाले संजय सेठ को मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य मंत्रियों के साथ संजय सेठ ने रविवार (9 जून) को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए एक-एक क्षण समर्पित रहेगा

शपथ लेने के बाद संजय सेठ ने ट्वीट करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया. कहा कि मुझ जैसे साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा परिवार, एनडीए और रांची की जनता का आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं. इस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए मेरा एक-एक क्षण समर्पित रहेगा.

रांची के सांसद बोले : …मेरा रोम-रोम समर्पित रहेगा

शपथ ग्रहण समारोह से पहले संजय सेठ ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर ट्वीट कर कहा कि यह नए भारत की शुरुआत है. विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि के लिए एनडीए की एकजुटता और देशवासियों के आशीर्वाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम मां भारती की सेवा में जुटे हैं. यह पल देशवासियों के लिए ऐतिहासिक है. इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए मेरा रोम- रोम समर्पित रहेगा.

रांची में सुबोधकांत सहाय को हराकर पहली बार बने थे सांसद

रांची लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता संजय सेठ ने वर्ष 2019 के चुनाव में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय को पराजित किया था. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुबोध कांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया था. 65 साल के संजय सेठ ने यशस्विनी सहाय को 1,20,512 वोट से पराजित कर दिया.

40 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं संजय सेठ

संजय सेठ चार दशक यानी 40 साल से झारखंड की राजनीति में सक्रिय हैं. कॉलेज के जीवन से ही सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे. चांद नारायण सेठ और करुणा सेठ के घर 25 अगस्त 1959 को रांची जन्मे संजय सेठ का विवाह 27 नवंबर 1983 को नीता सेठ से हुआ. उनकी एक बेटी और एक बेटा है. संजय सेठ ने बीकॉम, एलएलबी के साथ-साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट्स इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन की भी पढ़ाई की है. उन्होंने कानपुर, रांची और दिल्ली तीन जगह से पढ़ाई की है.

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रांची, कानपुर और दिल्ली में की है पढ़ाई

उन्होंने शुरुआती पढ़ाई रांची के संत जोंस स्कूल से की. बीकॉम की पढ़ाई के बाद उन्होंने दिल्ली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड सर्विसेज दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई की. रांची के छोटानागपुर लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई की. लंबे अरसे तक समाजसेवा से जुड़े रहे. सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक कार्यक्रमों के आयोजन, आर्थिक मुद्दों पर सेमिनार, चर्चा आदि जैसे कार्यक्रमों के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों के उत्थान से जुड़े कार्यक्रमों में उनकी विशेष रुचि है. संगीत सुनना, दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करना और फिल्में देखना उन्हें बहुत पसंद है.

कई राजनीतिक और गैर-राजनीतिक पदों पर रहे संजय सेठ

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थापना काल से ही वह पार्टी से जुड़ गए थे. कई राजनीतिक और गैरराजनीतिक पदों पर काम किया. वर्ष 1980 में ‘युवा शक्ति एक हो’ के केंद्रीय अध्यक्ष रहे. 1984 से 1992 तक रांची मोटर्स डीलर्स एसोसिएशन के मानद सचिव और 1993 में रांची मोटर डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे.

1996 में छोटानागपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स के मानद सचिव बने

संजय सेठ 1996 में छोटानागपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज रांची के मानद सचिव बने. 1997-98 में भी वह इस पद पर रहे. 1998-2004 तक संजय सेठ झारखंड प्रदेश के अभिभावक संघ के मानद सचिव बनाए गए. 1999 में वह छोटानागपुर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज रांची के वरीय उपाध्यक्ष बने. वर्ष 2000 में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष बने. वर्ष 2003 में लायंस क्लब ऑफ रांची कैपिटल के अध्यक्ष बने. वर्ष 2005 में झारखंड ओलिंपिक एसोसिएशन के एसोसिएटेड वाइस प्रेसिडेंट बने.

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झारखंड पेड़ परिवार और नमो पतंग महोत्सव के हैं अध्यक्ष

वर्ष 2005 में संजय सेठ को रन फॉर झारखंड नेशनल गेम की ऑर्गनाइजिंग कमेटी का वाइस चेयरमैन बनाया गया. वह रेड क्रॉस सोसाइटी के आजीवन सदस्य, श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समिति के मुख्य संरक्षक, झारखंड सिविल सोसाइटी के पूर्व संयोजक, झारखंड पेड़ परिवार के अध्यक्ष, नमो पतंग महोत्सव के अध्यक्ष, जगरनाथपुर मेला सुरक्षा समिति के मुख्य संरक्षक, मानव विकास सेवा समिति के अध्यक्ष और अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के आजीवन सदस्य हैं.

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भाजपा के जमीन से जुड़े नेता हैं संजय सेठ

  • 1976 में संजय सेठ ने विद्यार्थी परिषद से छात्र संघ का चुनाव जीता
  • भारतीय जनता पार्टी के गठन के पहले दिन से ही वह पार्टी के सक्रिय सदस्य रहे.
  • वर्ष 1980 में भारतीय जनता युा मोर्चा रांची नगर के महामंत्री रहे.
  • वर्ष 1982 से 85 तक जनता विद्यार्थी मोर्चा रांची विश्वविद्यालय के संयोजक रहे.
  • वर्ष 1986 में भाजपा रांची के वरीय उपाध्यक्ष बनाए गए.
  • वर्ष 1988 में रांची भाजपा के संगठन मंत्री बने.
  • वर्ष 1990 में भारतीय जनता पार्टी रांची के अध्यक्ष बने.
  • वर्ष 1996 में भारतीय जनता युवा मोर्चा झारखंड प्रदेश के प्रदेश महामंत्री बनाए गए.
  • वर्ष 2001 में झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बने.
  • वर्ष 2001 में झारखंड प्रदेश भाजपा के आजीवन सहयोग निधि के सह संयोजक बनाए गए.
  • वर्ष 2003 में भारतीय जनता पार्टी रांची के अध्यक्ष बने.
  • वर्ष 2007 में झारखंड प्रदेश भाजपा के नगर निकाय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बने.
  • वर्ष 2009 में झारखंड प्रदेश भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बनाए गए.
  • वर्ष 2011 में झारखंड प्रदेश भाजपा के फिर से प्रदेश प्रवक्ता बनाए गए.
  • वर्ष 2013 में नमो मंत्र झारखंड के संयोजक बने.
  • लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के दिन हुए थे गिरफ्तार
  • संजय सेठ वर्ष 1992 में लालकृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी के दिन ही गिरफ्तार कर लिए गए थे. वह एक महीने तक रांची के सेंट्रल जेल में बंद रहे.
  • संजय सेठ 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में कारसेवक भी बने.
  • आपातकाल एवं विद्यार्थी जीवन में आंदोलन करने के लिए कई बार जेल यात्रा की.
  • जेल भरो आंदोलन में भी भाग लिया.
  • वर्ष 2013 के जनवरी में जन समस्याओं के समाधान की मांग पर आंदोलन किया और 7 दिन तक बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद रहे.
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कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं

  • 1999-2000 में फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रहे.
  • 1999-2005 तक भारतीय स्टेट बैंक, पटना, बिहार, झारखंड के स्थानीय बोर्ड के 2 बार सदस्य रहे.
  • 2016-2019 तक झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रहे.
  • मई 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए रांची संसदीय सीट से चुने गए.
  • 31 जुलाई 2019 को अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति के सदस्य बनाए गए.
  • 13 सितंबर 2009 से संचार और सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति के सदस्य हैं.
  • 9 अक्टूबर 2019 से अधीनस्थ विधान संबंधी समिति के सदस्य हैं.

2021-22 में सबसे ज्यादा योजनाएं ली, सभी योजनाएं पूरी हुई

  • संसद के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2023-24 में उन्होंने 16 कार्यों की अनुशंसा की. 76.64 फीसदी राशि खर्च हुई, लेकिन एक भी काम पूरा नहीं हो पाया है. आंकड़ों के मुताबिक, उन्होंने इस वित्तीय वर्ष में 1.37 करोड़ रुपए की योजनाओं की अनुशंसा की. पूरी राशि आवंटित हो गई. 1.05 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब तक कोई भी योजना पूरी नहीं हो पाई है.
  • इसके पहले वित्तीय वर्ष 2022-23 में उन्होंने 58 कार्यों की अनुशंसा की थी. इसमें से 20 कार्य पूरे हुए. 86.91 फीसदी राशि खर्च हुई और 13.09 फीसदी राशि खर्च नहीं हो पाई. इस वित्तीय वर्ष उन्होंने 4.05 करोड़ रुपए के कार्यों की अनुशंसा की. पूरी राशि आवंटित हो गई, लेकिन खर्च सिर्फ 3.519 करोड़ रुपए ही हो पाए. 38 योजनाएं अधूरी रह गईं.
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में उन्होंने 70 कार्यों की अनुशंसा की और सभी काम पूरे हो गए. इस वित्त वर्ष में 4.75 करोड़ रुपए की योजनाओं की अनुशंसा की थी. इतनी ही राशि खर्च हुई और सभी योजनाएं पूरी हुईं. वित्तीय वर्ष 2020-21 और वर्ष 2024-25 में उन्होंने किसी योजना या परियोजना की अनुशंसा नहीं की.
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Bollywood स्टार जिसने विलेन बन लोगों को डराया, कहलाए इंडस्ट्री के ‘नारद’, दर्दनाक हुआ था अंत, जानें कौन थे वो

Jeevan Death Anniversary: कई सितारे आए और गए लेकिन कुछ एक्टर्स का नाम इतिहास में दर्ज हो गया. उनमें से एक एक्टर जीवन भी थे जिन्होंने हमेशा विलेन का रोल किया और लोग उन्हें असली का विलेन समझने लगे थे.

Jeevan Death Anniversary: फिल्मों में जितना अहम रोल हीरो-हीरोइन का होता है, उतना ही विलेन को भी महत्व दिया जाता है. अलग-अलग दौर में विलेन अपनी छाप छोड़ते गए और हिंदी सिनेमा में ऐसे कई एक्टर्स रहे हैं जिन्होंने विलेन का रोल कुछ ऐसा किया कि लोग उन्हें असली में बुरा समझने लगे थे. उन एक्टर्स में से एक जीवन भी थे जिन्होंने कई साल फिल्मी दुनिया में अपना योगदान दिया और फिर एक गंभीर बीमारी के साथ दुनिया को अलविदा कह गए.

जीवन को आपने पुरानी फिल्मों में बतौर विलेन देखा होगा. अलग-अलग फिल्मों में जीवन का रोल कुछ ऐसा रहा जो यादगार बन गया. फिल्मों में जितना खूंखार उन्हें दिखाया गया वो रियल लाइफ में उतने ही अच्छे इंसान हुआ करते थे. जीवन का अंत कैसे हुआ, उनके जीवन में क्या-क्या परेशानियां रहीं, चलिए आपको बताते हैं.

जीवन का फैमिली बैकग्राउंड

ब्रिटिश इंडिया के जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में 24 अक्टूबर 1915 को ओमकार नाथ धर का जन्म हुआ. फिल्मों में आने के बाद उनका नाम जीवन रखा गया. जीवन कश्मीरी पंडित परिवार से बिलॉन्ग करते थे.

इनके दादाजी ब्रिटिश इंडिया सरकार में गवर्नर थे. बचपन में ही जीवन की मां का निधन हो गया था और जब वो कुछ बड़े हुए तो पिता का भी निधन हो गया था. जीवन ने एक लड़की से शादी की जिनसे उन्हें दो बेटे थे लेकिन जिनमें से एक का निधन हो गया था लेकिन दूसरे लड़के किरण कुमार हैं जो फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं.

जीवन का संघर्ष और पहली फिल्म

लाइफ की परेशानियों के कारण जीवन ने ज्यादा पढ़ाई नहीं की. लेकिन उन्हें एक्टिंग का शौक बचपन से रहा है. इसी वजह से वो मुंबई आए लेकिन एक्टिंग का काम नहीं मिला. हालांकि उन्हें मोहन सिन्हा के स्टूडियो में रिफ्लेक्टर पर सिल्वर पेपर चिपकाने का जॉब मिला था.

इसके बाद धीरे-धीरे उनकी किस्मत बदल गई और एक्टिंग करियर की तरफ उनका करियर बढ़ा. 50’s के दशक में उनकी पहली फिल्म आई और लेकिन उन्हें पहचान देव आनंद की फिल्म जॉन मेरा नाम (1970) से मिली.

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सैफ-करीना कपूर के रिसेप्शन में Panchayat के इस एक्टर ने किया था किचन हेल्प का काम, किया खुद से बड़ा खुलासा

Aasif Khan

एक्टर आसिफ खान ने पंचायत से काफी लोकप्रियता हासिल की है. स्टार बनने से पहले खान ने कई तरह के काम किए. उन्होंने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने से पहले उन्हें कई तरह के संघर्षों से गुजरना पड़ा.

टीवीएफ का पंचायत सीजन 3 फाइनली अमेजन प्राइम पर रिलीज हो चुका है. रिलीज होत ही सीरीज ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दिया और लोग लगातार इसकी बात एक्स और इंस्टाग्राम पर कर रहे हैं. इसके सीन, डायलॉग को लेकर दर्शक बात कर रहे हैं. कुल मिलाकर कहें तो सीरीज ने फिर से लोगों का दिल जीत लिया. इसमें फुलेरा के दामाद आसिफ खान का नया अंदाज इस बार देखने को मिला है. आसिफ ने कई शोज में काम किया है, लेकिन एक्टर ने करीना कपूर-सैफ अली खान के वेडिंग रिसेप्शन में काम किया था.


पंचायत के आसिफ खान याद है आपके
एक्टर आसिफ खान को पंचायत से काफी लोकप्रियता मिली. सीरीज में आसिफ ने जिस अंदाज में अपनी डायलॉग डिलीवरी की, हर कोई उनका दीवाना हो गया. उन्होंने जिस तरह से “गजब बेइज्जती है यार” कहा, वो हर किसी की जुबा पर चढ़ गया. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक पुराने इंटरव्यू की मानें तो, आसिफ ने स्टार बनने से पहले कई तरह के काम किए थे और उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ा था. ये बात उन्होंने खुद बताया था.

टीवीएफ का पंचायत सीजन 3 फाइनली अमेजन प्राइम पर रिलीज हो चुका है. रिलीज होत ही सीरीज ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दिया और लोग लगातार इसकी बात एक्स और इंस्टाग्राम पर कर रहे हैं. इसके सीन, डायलॉग को लेकर दर्शक बात कर रहे हैं. कुल मिलाकर कहें तो सीरीज ने फिर से लोगों का दिल जीत लिया. इसमें फुलेरा के दामाद आसिफ खान का नया अंदाज इस बार देखने को मिला है. आसिफ ने कई शोज में काम किया है, लेकिन एक्टर ने करीना कपूर-सैफ अली खान के वेडिंग रिसेप्शन में काम किया था.


पंचायत के आसिफ खान याद है आपके
एक्टर आसिफ खान को पंचायत से काफी लोकप्रियता मिली. सीरीज में आसिफ ने जिस अंदाज में अपनी डायलॉग डिलीवरी की, हर कोई उनका दीवाना हो गया. उन्होंने जिस तरह से “गजब बेइज्जती है यार” कहा, वो हर किसी की जुबा पर चढ़ गया. हिंदुस्तान टाइम्स को दिए एक पुराने इंटरव्यू की मानें तो, आसिफ ने स्टार बनने से पहले कई तरह के काम किए थे और उन्हें काफी संघर्ष भी करना पड़ा था. ये बात उन्होंने खुद बताया था.

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Competitionसावित्री पब्लिक स्कूल में 19वां भागलपुर जिला ताइक्वांडो प्रतियोगिता

19वां भागलपुर जिला ताइक्वांडो प्रतियोगिता 2024 का आयोजन सावित्री पब्लिक स्कूल नवगछिया में किया गया

भागलपुर जिला ताइक्वांडो संघ के तत्वावधान में 19वां भागलपुर जिला ताइक्वांडो प्रतियोगिता 2024 का आयोजन सावित्री पब्लिक स्कूल नवगछिया में किया गया. समापन समारोह में जिला ताइक्वांडो संघ के अध्यक्ष रामदेव प्रसाद यादव, स्कूल के डायरेक्टर राम कुमार साहू, जिला ताइक्वांडो के महासचिव सह राष्ट्रीय रेफरी घनश्याम प्रसाद, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जेम्स, महिला क्रिकेट सचिव कंचन सिंह, आर्मी जवान मुकेश कुमार, खेल शिक्षक गुलाम मुस्तफा, अशोक सिंह, संजय यादव ने खिलाड़ियों को मेडल देकर सम्मानित किया. मौके पर ताइक्वांडो कोच सह रेफरी मो नाजीम, मोनी कुमारी, प्रिंस राज, अमित कुमार, अवधेश कुमार, संजय सिंह, धर्मचंद्र भगत, शिवम कुमार, विकास चौरसिया उपस्थित थे. जिला सचिव घनश्याम प्रसाद ने बताया कि प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने जायेंगे. अंकों के आधार पर सावित्री पब्लिक स्कूल ताइक्वांडो सेंटर को प्रथम पुरस्कार व नवगछिया ताइक्वांडो अकादमी को द्वितीय पुरस्कार दिया गया. स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी की सूची इस प्रकार है. ऋषभ कुमार, वैभव प्रसाद, यश राज, अनुप्रिया, प्रिया कुमारी, मीनाक्षी कुमारी, तान्या वात्सल्य, अनन्या बसल्या, प्रिंस कुमार, अंश राज, हिमांशु कुमार, जानवी कुमार, हरि ओम, हर्षित राय, दीपिका कुमारी, अनन्या, भाग्यलक्ष्मी, भव्य शर्मा देवा श्री, रितिका, इशू कुमार, हिमांशु कुमार, तन्मय वर्मा, अरमान खान, जयंत राय, शिवम कुमार सिंह, ओम पटेल, साक्षी कुमारी, अदिति शर्मा, रितु प्रिया, आराध्या सिंह, अभिराम कुमार, मोनी कुमारी, जीनी खातून. रजत पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों की सूची इस प्रकार है. अयान, सत्य प्रकाश, कुमार अभिनव, युवराज, अभय कुमार, आदित्य कुमार, यश, राजवीर, सुशांत कुमार, कृष कुमार मार्शल, आलोक कुमार.

ट्रैक्टर के धक्के से महिला जख्मी

खरैहिया पंचायत के हरियो पानी टंकी के पास एक भूसा लदे ट्रैक्टर की ठोकर से एक महिला गंभीर रूप से जख्मी हो गयी. जख्मी महिला की पहचान हरियो पानी टंकी के गोविंद मंडल की पत्नी द्रोपदी देवी के रूप में हुई है. घायल द्रोपदी देवी को मायागंज भागलपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी है.

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लागू बिजली दर पर कंपनियों ने आपत्ति जतायी

बिजली आपूर्ति कंपनियों ने बिहार में बीते एक अप्रैल से लागू नयी बिजली दर पर आपत्ति जतायी है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर कर कंपनी ने कहा है कि अंतिम फैसले में आयोग ने नुकसान का अधिक आकलन किया है, जिससे कंपनी की आय बढ़ गयी है.

कहा-आयोग से नुकसान आकलन में हुई गड़बड़ी संवाददाता, पटना बिजली आपूर्ति कंपनियों ने बिहार में बीते एक अप्रैल से लागू नयी बिजली दर पर आपत्ति जतायी है. बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर कर कंपनी ने कहा है कि अंतिम फैसले में आयोग ने नुकसान का अधिक आकलन किया है, जिससे कंपनी की आय बढ़ गयी है. अब आयोग कंपनी की इस दलील को आधार बनाते हुए याचिका पर विचार कर रहा है. याचिका में कंपनी ने कहा है कि कंपनी के वास्तविक खर्च का सही तरीके से आकलन नहीं हुआ है. इस आकलन में कंपनी को जितना पैसा खर्च के लिए मिलना चाहिए, वह नहीं मिल सका है. याचिका के मुताबिक नॉर्थ एवं साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 35,303 करोड़ रुपये मांगे थे, लेकिन आयोग ने 32,741 करोड़ की ही मंजूरी दी और 1614.12 करोड़ सरप्लस आमदनी बतायी. इस पर आयोग ने कंपनी को निर्देश दिया है कि वह पुनर्विचार याचिका को सार्वजनिक करे और समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों को बताए कि गड़बड़ी कहां हुई है? पुनर्विचार याचिका पर आम लोगों की राय लेने के बाद ही आयोग कोई निर्णय लेगा. अगर आयोग कंपनी की पुनर्विचार याचिका पर उसके पक्ष में फैसला सुनाता है तो बिहार में बिजली दर में वृद्धि हो सकती है, जिसका सीधा असर राज्य के दो करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. मालूम हो कि बिजली दर में 3.03 फीसदी वृद्धि के कंपनी के प्रस्ताव को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने खारिज कर दी थी. आयोग ने लगभग दो फीसदी बिजली सस्ती की. सस्ती बिजली होने से सभी श्रेणियों की बिजली दर में 15 पैसे प्रति यूनिट की कमी हो गयी.

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Annapurna Devi: मोदी कैबिनेट में अन्नपूर्णा देवी फिर मंत्री बनीं, दोबारा बनीं हैं कोडरमा से  सांसद

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Annapurna Devi: पीएम मोदी की कैबिनेट में झारखंड के कोडरमा लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनी गईं अन्नपूर्णा देवी को फिर से मंत्री बनाया गया है.

Annapurna Devi Cabinet Minister: झारखंड के कोडरमा लोकसभा सीट से लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं अन्नपूर्णा देवी को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें रविवार (9 जून) को पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. पहली बार लोकसभा का चुनाव जीतकर 2019 में वह सांसद बनीं, तो मोदी सरकार में मानव संसाधन विभाग का राज्यमंत्री बनाया गया था. अन्नपूर्णा देवी ने गजेंद्र सिंह शेखावत के बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.

Annapurna Devi राजद छोड़कर आईं थीं भाजपा में

अन्नपूर्णा देवी झारखंड की बड़ी नेता हैं. राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर उन्होंने लगातार 3 बार विधानसभा का चुनाव जीता. बिहार और झारखंड विधानसभा की सदस्य रहीं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर वह भरतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं थीं. उन्हें लोकसभा का टिकट मिला और 4.5 लाख से अधिक मतों के अंतर से उन्होंने झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी को पराजित किया था. एकजुट विपक्ष के उम्मीदवार विनोद सिंह को 3.77 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराने के बाद झारखंड की राजनीति में उनका कद और बड़ा हो गया है. एक बार फिर मंत्रिमंडल में उनका शामिल होना भी इस पर मुहर लगाता है.

1998 में पति की मौत के बाद राजनीति में आईं अन्नपूर्णा देवी

अन्नपूर्णा देवी ने 1998 में राजनीति में कदम रखा, जब उनके विधायक पति रमेश प्रसाद यादव की मौत हो गई. इसके बाद 2009 तक वह लगातार विधायक चुनी गईं. एक बार विधानसभा का उपचुनाव जीता और 3 बार विधानसभा चुनाव जीता. 2013 में हेमंत सोरेन की सरकार में जल संसाधन के सथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग की भी मंत्री बनाईं गईं थीं.

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PM Modi Oath Ceremony LIVE: नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली, रिकॉर्ड

PM Modi Oath Ceremony
PM Modi Oath Ceremony

PM Modi Oath Ceremony LIVE: नरेंद्र मोदी गठबंधन सरकार के प्रमुख के रूप में लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. बीजेपी को पूर्ण बहुमत वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के दो पूर्ण कार्यकालों के बाद इस बार चुनावों में अपने दम पर पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. शपथ ग्रहण से पहले नरेंद्र मोदी ने आज सुबह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी. शपथ ग्रहण से जुड़ा हर अपडेट जानें यहां

अनुप्रिया पटेल ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली

मिर्जापुर से अपना दल एस की सांसद अनुप्रिया पटेल ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली. मोदी सरकार में पहले भी मंत्री रह चुकी हैं. लगातार तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता.

8:51 PM, JUNE 9, 2024

नित्यानंद राय ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली

नित्यानंद राय ने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली. नित्यानंद राय बिहार के उजियारपुर से सांसद बने हैं. तीसरी बार सांसद बने हैं.

8:49 PM, JUNE 9, 2024

रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा मंत्री के रूप में शपथ ली

रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा मंत्री के रूप में शपथ ली. पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. दो बार से राज्यसभा सांसद रहे हैं. पहली बार केंद्र में मंत्री बने हैं. बिहार में भी मंत्री रहे थे.

8:47 PM, JUNE 9, 2024

रामदास आठवले ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली

रामदास आठवले ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. महाराष्ट्र में आरपीआईए से राज्यसभा सांसद हैं. तीन बार लोकसभा सांसद भी रहे. पिछली सरकार में भी मंत्री रहे थे.

8:45 PM, JUNE 9, 2024

श्रीकृष्णपाल गुर्जर ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली

श्रीकृष्णपाल गुर्जर ने राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. फरीदाबाद से बीजेपी के सासंद बने हैं. लगातार तीसरी बार बीजेपी के सांसद बने हैं. मोदी के पहले दो कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे. हरियाणा बीजेपी के अध्यक्ष भी रहे हैं.

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Actor: बेटे की फोटो हाथ में लिए प्रोड्यूसर के ऑफिस के बाहर बैठते थे ये दिग्गज एक्टर, जानिए फिर कैसे दिलवाया रोल

Actor
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Actor: बॉलीवुड में अक्सर ये कहा जाता है कि स्टारकिड्स को आसानी से फिल्मों में काम मिल जाता है. लेकिन यहां हम जिसकी बात कर रहे हैं. उनको पहली फिल्म दिलाने के लिए उनके पिता ने काफी संघर्ष किया था.

बात कर हैं हिंदी सिनेमा के दिग्गज एक्टर सुरेश ओबरॉय की. जिन्होंने अपने अभी तक के करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी. लेकिन जब बारी उनके बेटे की आई तो सुरेश ओबरॉय को उन्हें लॉन्च करवाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ी.

अब ये तो आप जानते ही होंगे कि सुरेश ओबेरॉय के बेटे विवेक ओबरॉय हैं. जिन्होंने साल 2002 में फिल्म ‘कंपनी’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि विवेक को ये रोल मिलने का पूरा श्रेय उनके पिता को जाता है.

दरअसल सुरेश ओबेरॉय ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने ‘सेकेंड स्ट्रगल’ को लेकर एक इंटरव्यू में बात की है. उन्होंने बताया कि बेटे विवेक को इंडस्ट्री में बतौर लॉन्च करने के लिए उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.

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इसका खुलासा खुद सुरेश ओबेरॉय ने बॉलीवुड हंगामा से बात करते हुए किया था. एक्टर ने बताया था कि, ‘उन्होंने बचपन से ही विवेक को एक्टिंग के लिए तैयार कर दिया था. इसके लिए उससे ज्यादा मैंने स्ट्रगल किया है.’

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सुरेश ने आगे बताया कि, ‘मैं बहुत बार उसकी तस्वीर लेकर प्रोड्यूसर के ऑफिस के बाहर बैठा रहता था. फिर एक दिन मेरी मेहनत रंग लाई और राम गोपाल वर्मा ने विवेक को पहली फिल्म दी.’

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वहीं कर्ली टेल्स के साथ अपने डेब्यू पर बात करते हुए विवेक ने ये कहा था कि जब वो स्ट्रगल कर रहे थे तो उन्होंने किसी को भी अपना असली नाम नहीं बताया था ताकि उनके पिता को शर्मिंदा ना होना पड़े.

पहली ही फिल्म से विवेक की किस्मत चमक उठी थी. इसके बाद उनकी झोली में ढेर सारी फिल्में आई. लेकिन जब एक्टर का सलमान खान संग विवाद हुआ, तो उनका करियर डूबने लगा. दरअसल दोनों के बीच ऐश्वर्या राय को लेकर भयंकर लड़ाई हुई थी.

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वर्कफ्रंट की बात करें तो सुरेश ओबेरॉय को आखिरी बार फिल्म ‘एनिमल’ में देखा गया था. जिसमें वो रणबीर कपूर के दादा के रोल में नजर आए थे.

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Modi 3.0 Cabinet: मोदी कैबिनेट के लिए निमंत्रण पर रामनाथ ठाकुर की पहली प्रतिक्रिया, ‘मैं खुद को भाग्यशाली…’,

Modi 3.0 Cabinet
Modi 3.0 Cabinet

Ramnath Thakur: जेडीयू से राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर अब केंद्र की सियासत करेंगे. मोदी कैबिनेट में वो शामिल होने जा रहे हैं. वहीं, इस मौके पर उन्होंने मीडिया से इस संबंध में बातचीत की.

Modi 3.0 Cabinet Minister Oath: प्रधानमंत्री पद के लिए नामित नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी पूरी हो गई है. इसको लेकर कैबिनेट में शामिल होने वाले एनडीए नेताओं को अब निमंत्रण आने लगा है. जेडीयू से राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कॉल आया. उन्होंने नरेंद्र मोदी के साथ चाय पर बुलाया. इसके साथ ही कैबिनेट में शामिल होने को लेकर शपथ ग्रहण समारोह के लिए निमंत्रण पत्र भेजा गया है. वहीं, इसको लेकर उन्होंने रविवार को मीडिया से कहा कि ‘मैं खुद को भाग्यशाली मानता हूं कि पीएम मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुझ पर भरोसा दिखाया. मैं उनके हाथ को मजबूत करने के लिए काम करूंगा’

बीजेपी के पास रहेंगे प्रमुख विभाग

मिली जानकारी के अनुसार बीजेपी के अन्य सहयोगी दलों मसलन जनता दल यूनाइटेड के रामनाथ ठाकुर और ललन सिंह, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के चिराग पासवान, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी को मंत्री पद देने पर विचार किया जा रहा है.

सूत्रों ने बताया कि सहयोगी दलों को सरकार में प्रतिनिधित्व मिलेगा लेकिन गृह, रक्षा, वित्त और विदेश जैसे प्रमुख विभाग भाजपा अपने पास रख सकती है. एस जयशंकर के अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, पीयूष गोयल और ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे भाजपा के बड़े नेताओं को कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है. हालांकि भाजपा ने अभी इस संबंध में अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की है.

नरेंद्र मोदी तीसरी बार लेंगे प्रधानमंत्री पद की शपथ

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी रविवार को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी. उनके साथ भाजपा के कई नेता और एनडीए से सहयोगी दलों के कई सांसद भी आज मंत्री के रूप में शपथ ले सकते हैं.

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