Bihar News : बिहार के जमुई शहर में बुधवार की सुबह सामान्य नहीं रही. केके कॉलेज परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार पर एक पोस्टर नजर आते ही माहौल बदल गया. सुबह की सैर पर निकले लोगों ने जब पोस्टर पढ़ा तो वे ठिठक गए. देखते ही देखते वहां रुकने वालों की संख्या बढ़ने लगी और कुछ ही देर में यह मामला इलाके की सबसे बड़ी चर्चा बन गया.
‘लापता’ लिखे पोस्टर से उठे कई सवाल
कॉलेज गेट पर चिपकाए गए पोस्टर में जमुई से सांसद अरुण भारती का जिक्र करते हुए उन्हें लापता बताया गया था. पोस्टर किसने लगाया और इसके पीछे मंशा क्या है, इस बारे में कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है. पोस्टर दिखने के बाद स्थानीय लोगों के बीच तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं. कोई इसे राजनीतिक विरोध का तरीका मान रहा है तो कोई इसे किसी शरारती तत्व की करतूत बता रहा है.
सुबह के समय कॉलेज गेट पर लोग रुक-रुककर पोस्टर को पढ़ते नजर आए. कई लोगों ने मोबाइल फोन से तस्वीरें लीं और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा कर दीं. इसके बाद यह मामला कॉलेज परिसर तक सीमित न रहकर पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गया.
प्रशासन हरकत में, पोस्टर हटाकर शुरू हुई जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया. पुलिस ने कॉलेज गेट से पोस्टर हटवाया और यह जानने की कोशिश शुरू कर दी कि पोस्टर कब लगाया गया और इसके पीछे कौन लोग हैं. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है, ताकि पोस्टर लगाने वालों की पहचान की जा सके.
राजनीतिक पृष्ठभूमि के चलते बढ़ी संवेदनशीलता
गौरतलब है कि जमुई सांसद अरुण भारती, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बहनोई हैं. ऐसे में सांसद के नाम से इस तरह का पोस्टर सामने आना राजनीतिक रूप से भी संवेदनशील माना जा रहा है. इसी वजह से यह मामला राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का केंद्र बना हुआ है.
फिलहाल सांसद के लापता होने को लेकर किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. पुलिस और प्रशासन पूरे मामले की तह तक जाने में जुटे हैं और जांच पूरी होने के बाद स्थिति स्पष्ट होने की बात कही जा रही है.
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