Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) पर चल रही राजनीतिक और कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और वह अपना काम करता रहेगा. आयोग को एक हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करना होगा. अगली सुनवाई की तारीख 28 जुलाई तय की गई है, जो इस मुद्दे का टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकती है.
सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा- आधार, वोटर ID और राशन कार्ड भी मान्य हो सकते हैं?
सुनवाई के दौरान जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने दस्तावेजों की मौजूदा सूची को अधूरी बताया. कोर्ट ने कहा कि मतदाता सत्यापन में आधार कार्ड, वोटर आईडी और राशन कार्ड जैसे सामान्य दस्तावेजों को शामिल किया जाए, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी और न्यायपूर्ण हो. हालांकि, आयोग को अधिकार है कि वह किसी दस्तावेज को कारण बताकर खारिज कर सकता है.
याचिकाकर्ता ने क्यों मांगी ‘पूर्ण रोक’, क्या है असली चिंता?
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट में दलील दी गई कि वे इस पुनरीक्षण प्रक्रिया पर आंशिक नहीं, बल्कि पूर्ण रूप से रोक चाहते हैं. उनका आरोप है कि यह प्रक्रिया भेदभावपूर्ण है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग फिलहाल खारिज कर दी और कहा कि वह चुनाव आयोग के संवैधानिक अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करेगा.
Also Read-AI बना रहा दिमाग को सुस्त, MIT की रिसर्च में चौंकाने वाला खुलासा
Also Read-ChatGPT से भूलकर भी न पूछें ये 10 सवाल, वरना पड़ सकता है पछताना!
Also Read-AI Edit Genie के साथ Realme 15 Series 24 जुलाई को होगी लॉन्च, विक्की कौशल बने ब्रांड एंबेसडर
Also Read-Samsung ला रहा है AI से लैस फोल्डेबल्स, 9 जुलाई को होगा Galaxy Z Fold 7 और Flip 7 का जलवा