Bhagalpur News: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भागलपुर स्थित जगदीशपुर प्रखंड के मुखेरिया गांव के एक दिवसीय दौरे ने स्थानीय जनता में निराशा पैदा कर दी है. मात्र 120 सेकंड के इस ‘अति-संक्षिप्त’ कार्यक्रम ने न केवल जनता को मुख्यमंत्री से मिलने या अपनी बात रखने से वंचित कर दिया, बल्कि कार्यक्रम की तैयारी पर खर्च हुए रुपये भी व्यर्थ चले गए.
120 सेकंड का दौरा, 22 स्टॉल निरर्थक, मंच सूना
निर्धारित कार्यक्रम के तहत शहर से निकलकर मुखेरिया गांव पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, जिनके साथ उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी थे, ने कार्यक्रम स्थल पर लगे 22 स्टॉलों में से केवल एक पर कुछ क्षण बिताए. बाकी स्टॉलों का सरसरी तौर पर निरीक्षण करते हुए वे तुरंत वापस लौट गए.
चौंकाने वाली बात यह रही कि उन्होंने आम नागरिकों को संबोधित करना तो दूर, मंच पर भी कदम नहीं रखा. घंटों से मुख्यमंत्री की एक झलक पाने, उनका संबोधन सुनने और उन्हें अपनी मांगों से संबंधित आवेदन देने के लिए इंतजार कर रही जनता निराश बैठी रह गई, जबकि मंच सूना पड़ा रहा. मुख्यमंत्री के चले जाने के काफी देर बाद लोगों को पता चला कि वे तो बहुत पहले जा चुके हैं.
जनता में कौतूहल और तीव्र नाराजगी
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर तुरंत लौट जाना लोगों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं रहा. लोग समझ नहीं सके कि ऐसा क्या हो गया कि सीएम 120 सेकेंड से ज्यादा देर तक नहीं रुके. मुख्यमंत्री के लौटने के एक घंटे बाद तक यह चर्चा का विषय बनी रही.
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जनता में इस अचानक वापसी को लेकर तीव्र नाराजगी देखने को मिली. लोगों ने जमकर विरोध जताते हुए कहा, “अगर रुकना ही नहीं था, तो आए क्यों?” कई लोगों ने कार्यक्रम की तैयारी पर हुए खर्च को पानी में बह जाने की संज्ञा दी. मूलभूत सुविधाओं की बहाली के लिए आवेदन देने आए लोगों के हाथ में ही आवेदन रह गए. नौकरी की मांग कर रही महिलाओं की एक टीम भी मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहती थी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया और वे सिर्फ मंच की ओर निहारती रह गईं.
मुख्यमंत्री के इस ‘2 मिनट’ के दौरे ने भागलपुर की जनता में व्यापक असंतोष पैदा कर दिया है, जो इस बात पर विचार करने पर मजबूर है कि आखिर इतने कम समय के लिए यह कार्यक्रम आयोजित करने का क्या औचित्य था, और क्यों जनता को इस तरह से निराश किया गया.