Bihar News: बिहार के भागलपुर में इन दिनों अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. अतिक्रमणकारियों से जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है. शनिवार 8 मार्च को भी कार्रवाई के लिए टीम शहर में निकली. अतिक्रमण हटाने के दौरान ट्रैफिक डीएसपी द्वारा माइकिंग होने पर एक अधेड़ फल दुकानदार घबरा गया और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. इसके बाद जमकर बवाल मचा.

Bihar News: बिहार के भागलपुर में इन दिनों अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है. अतिक्रमणकारियों से जुर्माना भी वसूल किया जा रहा है. शनिवार 8 मार्च को भी कार्रवाई की गई. अतिक्रमण हटाने के दौरान ट्रैफिक डीएसपी द्वारा माइकिंग होने पर एक अधेड़ फल दुकानदार घबरा गया और दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी. इसके बाद जमकर बबाल मचा. दरअसल, माइकिंग होने पर अधेड़ फल दुकानदार ठेला छोड़ कर भागने लगा.
इसी दौरान गिर कर अचेत हो गया. परिजन उसे मायागंज अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन, रास्ते में तिलकामांझी चौक के पास ही उसकी मौत हो गई. इसके बाद विरोध में फल दुकानदार और अन्य फुटकर दुकानदार ने तीन घंटे तक शव रख सड़क जाम कर दिया गया. घटना शनिवार की दोपहर घंटाघर चौक के पास की है.
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दुकानदारों ने किया हंगामा
फुटकर दुकानदारों ने टायर, बांस और फल रखने वाले कैरेट में आग लगा कर ट्रैफिक बाधित कर दिया गया. हंगामा के दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की गयी. घटना शनिवार की दोपहर घंटाघर चौक के पास की है. मृतक दुकानदार महेन्द्र साह(56) मुंदीचक का रहने वाले थे. मौके पर 10 थाने की पुलिस समेत दंगा नियंत्रण और आंसू गैस से लैस जवानों को भेजा गया. बाद में एसडीएम धनंजय कुमार और सिटी डीएसपी-1 अजय चौधरी के काफी समझाने के बाद मामला शांत हुआ.
परिजनों को मुआवजा और नौकरी का भरोसा
प्रशासन की ओर से परिजनों को मुआवजा और नौकरी का भरोसा दिया गया. स्टांप पेपर पर अधिकारी द्वारा आश्वासन देने पर परिजन शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने को तैयार हुए. आगजनी पर काबू पाने के लिए मौके पर अग्निशमन की टीम को भी बुलाया गया. घटना के बाद मौके पर जब एसडीएम धनंजय कुमार पहुंचे तो परिजन उग्र हो गए. परिजन की तरफ से मृतक के तीनों बेटे को सरकारी नौकरी और 10 लाख मुआवजा की मांग की जा रही थी.
एसडीएम ने भरसक मदद का भरोसा दिया लेकिन, परिजन मौखिक आदेश को मानने से इनकार कर गए. तभी पांच हजार का स्टांप पेपर मंगवाया गया, जिसमें लिखा गया कि मृतक के आश्रित को उचित मुआवजा और नियमानुसार नौकरी दी जाएगी. इसके बाद भी परिजन शव को सड़क से हटा कर पोस्टमार्टम नहीं करवाना चाहते थे लेकिन, अधिकारी द्वारा समझाया गया कि पोस्टमार्टम नहीं होने पर सरकारी मदद में दिक्कत होगी. तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.