Bihar News: बिहार का ऊर्जा विभाग एक बार फिर विवादों में घिर गया है, जब बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के महाप्रबंधक अनिल कुमार ने अपने वरिष्ठ, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (CMD) पर “अनुचित और अनैतिक” दबाव डालने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया है. यह घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब विभाग पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोपों और पूर्व सचिव संजीव हंस की गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में है.
अनिल कुमार, जो एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और संविदा पर बिजली कंपनी में कार्यरत थे, ने आरोप लगाया है कि सीएमडी ऐसे आदेश दे रहे थे जिनका पालन करना उनके लिए अनुचित और अनैतिक था. उन्होंने अपने इस्तीफे में स्पष्ट रूप से गलत काम करने के लिए दबाव बनाने का जिक्र किया है. उनके इस अचानक इस्तीफे ने न केवल ऊर्जा विभाग में बल्कि पूरे आईएएस लॉबी में भी हड़कंप मचा दिया है और सियासी गलियारों में भी भूचाल ला दिया है.
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पूर्व सचिव संजीव हंस की गिरफ्तारी के बाद नया विवाद
यह ध्यान देने योग्य है कि ऊर्जा विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप कोई नए नहीं हैं. इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विभाग के तत्कालीन सचिव संजीव हंस के ठिकानों पर छापेमारी की थी और बाद में उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. उनके खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, जिनकी जांच अभी भी जारी है. संजीव हंस की गिरफ्तारी से विभाग पहले से ही विवादों में घिरा हुआ था, और अब अनिल कुमार के आरोपों ने विभाग की कलई खोल दी है, जिससे भ्रष्टाचार के गठजोड़ पर एक बार फिर सवाल उठ रहे हैं.
कौन हैं अनिल कुमार?
अनिल कुमार बिहार स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड में महाप्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. वह एक सेवानिवृत्त अधिकारी हैं और संविदा पर बिजली कंपनी में सेवाएं दे रहे थे. बताया जा रहा है कि उनकी संविदा अवधि करीब तीन महीने शेष थी, लेकिन उन्होंने उससे पहले ही अपने सीनियर अधिकारियों पर अनुचित दबाव बनाने और भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया है.