Bihar Flood: नेपाल और उत्तर भारत की तेज बारिश के बाद बिहार की नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. बक्सर से भागलपुर तक गंगा उफान पर है. फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. बूढ़ी गंडक और कोसी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर है. नदियों के दबाव से दियारा और तटवर्ती इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
बिहार के नौ जिले—बक्सर, पटना, वैशाली, समस्तीपुर, मुंगेर, बेगूसराय, कटिहार, खगड़िया और भागलपुर—बाढ़ के गंभीर खतरे की जद में आ गए हैं. नेपाल के तराई में भारी बारिश के कारण बूढ़ी गंडक खगड़िया में खतरे से 41 सेमी ऊपर बह रही है, वहीं कोसी नदी सहरसा और सुपौल में लाल निशान पार कर चुकी है.
गंगा का जलस्तर बक्सर से लेकर फरक्का तक तेजी से बढ़ रहा है. जल संसाधन विभाग के अनुसार जुलाई में पिछले 15 वर्षों में गंगा में इतना पानी कभी नहीं आया था. सिर्फ पटना में ही गंगा का जलस्तर बीते साल की तुलना में दो मीटर अधिक है.
फरक्का बराज के 108 गेट खोलकर जलप्रवाह तेज किया गया
गंगा के उफान को देखते हुए फरक्का बराज के सभी 108 गेट खोल दिए गए हैं. पटना में गंगा खतरे से 43 सेमी ऊपर, जबकि फरक्का में 20 सेमी ऊपर बह रही है. इससे तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है. विभाग ने 600 सुरक्षाकर्मियों और 45 अभियंताओं को तैनात किया है. रात्रि पेट्रोलिंग भी शुरू कर दी गई है. इसके बावजूद बक्सर, पटना, मुंगेर और भागलपुर के दियारा इलाके जलमग्न हो गए हैं.
भागलपुर और कटिहार में गंगा-कोसी का प्रकोप
भागलपुर, कटिहार और कहलगांव में गंगा और कोसी की तेज धारा से तटीय भूमि कटाव का शिकार हो रही है. कहलगांव में गंगा खतरे से 26 सेमी ऊपर बह रही है. महानंदा का जलस्तर भी डाउनस्ट्रीम में चेतावनी स्तर से ऊपर है. सुपौल में कोसी थोड़ी स्थिर हो रही है, लेकिन खगड़िया में गंगा और गंडक दोनों खतरे के ऊपर हैं. पिछले 24 घंटे में गंगा में 40 सेमी और बूढ़ी गंडक में 25 सेमी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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