Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने बुधवार को उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है. इस सूची में सबसे बड़ा चौंकाने वाला नाम बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद का रहा. चेतन, जो 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर शिवहर से विधायक बने थे, इस बार औरंगाबाद जिले की नबीनगर सीट से चुनाव मैदान में होंगे. दरअसल, उन्होंने 2024 में पाला बदलकर जेडीयू का दामन थामा था, लेकिन पार्टी ने उनके लिए इस बार सीट बदलने का फैसला लिया है.
हार की आशंका से बदली गई सीट
पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद, जो 2020 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर शिवहर से विधायक बने थे, इस बार औरंगाबाद जिले की नबीनगर सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है.#BiharElections2025 #NitishKumar #ChetanAnand #AnandMohan #JDU #RJD #Sheohar #Nabinagar pic.twitter.com/5Fo78iBxfM
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पार्टी सूत्रों का कहना है कि चेतन आनंद की पुरानी सीट शिवहर से हारने की आशंका जताई जा रही थी. स्थानीय मतदाताओं में नाराजगी और पार्टी बदलने के बाद के समीकरण को देखते हुए जेडीयू नेतृत्व ने रणनीतिक फैसला लिया. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद इस बदलाव पर अंतिम मुहर लगाई, ताकि चेतन की जीत पक्की की जा सके. जानकारी यह भी है कि उनके समर्थन के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को विशेष जिम्मेदारी दी गई है.
आनंद परिवार का राजनीतिक सफर
चेतन की मां लवली आनंद ने 1996 में पहली बार शिवहर से विधायक के रूप में जीत दर्ज की थी. इससे पहले 1994 में वह वैशाली लोकसभा उपचुनाव जीतकर संसद पहुंची थीं. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने राजद उम्मीदवार के तौर पर सहरसा से किस्मत आजमाई, लेकिन हार गईं. इसके बाद 2020 में चेतन आनंद ने राजद टिकट पर जीत हासिल की और विधायक बने.
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आनंद मोहन की शुरुआत और विवाद
आनंद मोहन का राजनीतिक सफर 1990 में सहरसा जिले की महिषी सीट से शुरू हुआ था, जहां से वे पहली बार विधायक बने. उस दौर में वे पप्पू यादव के राजनीतिक प्रतिद्वंदी और अगड़े वर्ग के प्रभावशाली नेता के रूप में उभरे थे. बाद में उन्होंने 1996 और 1998 में दो बार शिवहर लोकसभा सीट से संसद में एंट्री की. लेकिन 1994 में गोपालगंज डीएम जी. कृष्णैया हत्याकांड में नाम आने के बाद उनके परिवार की राजनीति पर संकट गहराया. 2005 में लवली आनंद ने जेडीयू टिकट पर बाढ़ सीट से जीत दर्ज की थी, हालांकि कुछ महीनों में ही विधानसभा भंग हो गई थी.
इस तरह बिहार चुनाव 2025 में जेडीयू ने एक बार फिर राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर बड़ा दांव खेला है, ताकि चेतन आनंद जैसे प्रभावशाली चेहरे को सुरक्षित सीट से उतारा जा सके.
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