Bhagalpur News: बिहार में भागलपुर नगर निगम की भूतनाथ मंदिर मार्ग स्थित खाद फैक्ट्री कभी आय का स्रोत बनने का सपना लिए शुरू की गई थी, लेकिन अब यह खुद निगम के लिए भारी सिरदर्द बन चुकी है. छह महीने से नियमित उत्पादन के बावजूद एक किलो खाद तक नहीं बिक सकी है. पांच रुपये प्रति किलो की दर तय करने, नामकरण और पैकेजिंग पूरी होने के बावजूद खाद के लिए न ग्राहक मिल रहे हैं, न ही जिम्मेदारी तय हो पा रही है.
हालत यह है कि फैक्ट्री में 50 क्विंटल से अधिक खाद का भंडारण हो चुका है, लेकिन प्रचार और मार्केटिंग की घोर कमी के कारण योजना पूरी तरह ठप हो गई है.
प्रचार नहीं, समन्वय नहीं, सिर्फ स्टॉक बढ़ा रहे हैं जिम्मेदार
नगर निगम की यह योजना पर्यावरण संरक्षण और आय सृजन दोनों के मकसद से शुरू की गई थी. सफाई एजेंसी नियमित रूप से कूड़ा गिरा रही है, आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं, 10 महिलाओं का समूह रोज खाद बना रहा है, और पूरी फैक्ट्री की मॉनिटरिंग भी हो रही है. बावजूद इसके, न कोई खरीदार आ रहा है, न कोई जानकारी देने वाला कर्मचारी मिल रहा है. फैक्ट्री के इंचार्ज से मिलना मुश्किल है और अन्य स्टाफ भी स्पष्ट जवाब नहीं देते, जिससे संभावित खरीदार भी निराश होकर लौट जाते हैं.
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आधे दिन चल रही फैक्ट्री, मशीन का पैसा नहीं लौटा
खपत न होने से खाद का स्टॉक इतना बढ़ गया है कि अब फैक्ट्री दोपहर एक बजे तक ही चलाई जा रही है. उत्पादन सीमित हो गया है और सिर्फ 10 महिलाएं कार्यरत हैं. निगम द्वारा लगाए गए अत्याधुनिक उपकरणों से एक रुपया भी अब तक वापस नहीं आ सका है. न तो बिक्री की रणनीति बन रही है और न ही जिम्मेदारी तय हो रही है. निगम की यह पहल अब कागजों में सफल और जमीन पर विफल साबित हो रही है.
मेयर का बयान ने कहा- नगर आयुक्त से की जाएगी बात
इस पर नगर निगम की मेयर डॉ बसुंधरा लाल ने कहा कि खाद की बिक्री के लिए सूची और पैकेजिंग दोनों तैयार हैं, फिर भी बिक्री नहीं हो रही है, यह चिंताजनक है. इस विषय में नगर आयुक्त से बात की जाएगी और बाजारीकरण की दिशा में निश्चित रूप से पहल की जाएगी.
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