नगर निगम में सफाई के मुद्दे पर बैठक
Bhagalpur News: भागलपुर नगर निगम इस वक्त बड़े संकट में है, जिसका सीधा असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ रहा है. पूर्व नगर आयुक्त डॉ. प्रीति के जाते-जाते कुछ अहम फाइलों पर टिप्पणी लिखने की भनक लगते ही सफाई एजेंसियों ने काम में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है. वहीं, पैसों की कमी के कारण कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में तेल भरवाना भी मुश्किल हो गया है.
इन सबके बीच, सफाईकर्मियों को दो महीने से वेतन और एरियर न मिलने से भारी गुस्सा है, जिससे वे हड़ताल पर जाने का मन बना रहे हैं. इस गंभीर स्थिति से निपटने के लिए शनिवार को स्थायी समिति की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई है.
बताया जा रहा है कि तत्कालीन नगर आयुक्त डॉ. प्रीति ने अपने ट्रांसफर से ठीक पहले सफाई एजेंसियों के खिलाफ कुछ ऐसे नोट लिखे हैं, जिससे उन्हें ब्लैकलिस्ट किए जाने की आशंका है. इस बात की खबर मिलते ही एजेंसियों ने काम में ढिलाई बरतनी शुरू कर दी है, जिसका खामियाजा पूरे शहर को भुगतना पड़ रहा है.
वित्तीय संकट ने स्थिति को और भी खराब कर दिया है. कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में तेल भरवाने में दिक्कत आ रही है क्योंकि नए नगर आयुक्त की गैर-मौजूदगी में किसी के पास भी वित्तीय अधिकार नहीं हैं. नए नगर आयुक्त के लौटने में भी कम से कम 25 दिन लग सकते हैं, जिससे समस्या और बढ़ सकती है.
सफाईकर्मी भी बेहद नाराज हैं. पिछली हड़ताल खत्म होने के बाद भी उन्हें बढ़ी हुई राशि और अक्टूबर से बकाया एरियर का भुगतान नहीं हुआ है. सभी का वेतन ₹503 के हिसाब से बढ़ाने की घोषणा हुई है. सफाई एजेंसियों का कहना है कि भुगतान तभी होगा जब निगम उन्हें फंड जारी करेगा. इसके अलावा, उन्हें दो महीने का वेतन भी नहीं मिला है, जिससे वे एक बार फिर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है, तो शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो जाएगी.
इन सभी गंभीर मुद्दों पर शुक्रवार को एक बैठक हुई थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका. इसी वजह से आज (शनिवार) स्थायी समिति की एक आपातकालीन बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में उस फाइल को मंगाकर देखा जाएगा, जिसमें तत्कालीन नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसियों के खिलाफ लिखा है. निगम यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि आखिर ऐसी क्या बात है, जिसकी भनक लगते ही सफाई व्यवस्था लचर हो गई है.