Bihar Assembly Election 2025 : नई दिल्ली/पटना: चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का कार्यक्रम घोषित किया है. इस बार मतदान दो चरणों में कराए जाएंगे — 6 और 9 नवंबर 2025 को वोटिंग होगी और मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. साथ ही कुछ जगहों पर उपचुनाव भी संपन्न कराए जाएंगे.
बड़ी तैनाती और नेटवर्किंग
बिहार चुनाव के लिए कुल 8.5 लाख कर्मियों की तैनाती की जाएगी ताकि मतदान सुचारू रहे. मतदाता सहायता के लिए आयोग ने ECINet के माध्यम से BLO से सीधे संपर्क की व्यवस्था की है; बिहार के बाहर के मतदाता भी 1950 पर कॉल करके अपने BLO से सहायता प्राप्त कर सकेंगे (डायलिंग: +91 + एसटीडी कोड + 1950).
हर सीट के लिए अलग ऑब्जर्वर
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पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र पर एक-एक ऑब्जर्वर नियुक्त किए गए हैं — कुल 243 ऑब्जर्वर राज्य के बाहर से भेजे जाएंगे.
पोस्टल बैलट और काउंटिंग व्यवस्था
चुनाव आयोग ने कहा है कि पोस्टल बैलट की गिनती अंतिम दो राउंड की काउंटिंग से पहले पूरी कर ली जाएगी, ताकि अंतिम परिणाम प्रक्रिया व्यवस्थित रहे.
भीड़ नियंत्रण और वेबकास्टिंग
लंबी कतारों से बचने के लिए हर पोलिंग बूथ पर अधिकतम 1200 मतदाता तय किए गए हैं. इसके अलावा, पहले 50% केन्द्रों के बजाय अब सभी (100%) पोलिंग स्टेशनों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि मतदान की लाइव मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो सके.
डिजिटल इंडेक्स कार्ड और रिपोर्टिंग
चुनाव पूरा होने के कुछ दिनों के भीतर आयोग डिजिटल इंडेक्स कार्ड जारी करेगा जिसमें मतदान प्रतिशत, महिला भागीदारी और जिलेवार आंकड़े उपलब्ध होंगे; संपूर्ण डेटा एकत्रित कर प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित किया जाएगा.
‘वन-स्टॉप डिजिटल’ ऐप की शुरुआत
मतदाताओं की सहूलियत के लिए चुनाव आयोग ने बिहार में वन-स्टॉप डिजिटल ऐप लागू किया है. इस ऐप में मतदान केंद्र, गाइडलाइंस और अन्य आवश्यक सूचनाएँ एक ही स्थान पर उपलब्ध रहेंगी — पहले आयोग कई अलग-अलग ऐप्स चला रहा था, अब सारी सुविधाएँ एक जगह समाहित की गई हैं.
17 नए इनिशिएटिव और प्रशिक्षण
चुनाव में पारदर्शिता व बेहतर संचालन के लिए आयोग ने 17 नए इनिशिएटिव लागू किए हैं, जिन्हें बाद में पूरे देश में अपनाया जाएगा. इनमें बूथ‑लेवल एजेंट्स की ट्रेनिंग महत्वपूर्ण है — चुनाव आयोग के प्रशिक्षण संस्थान ने पहली बार बिहार के सभी बूथ‑लेवल एजेंट्स को प्रशिक्षित किया है और अब जिला स्तरीय ट्रेनिंग भी करवाई जा रही है. साथ ही बूथ‑लेवल अधिकारियों के प्रशिक्षण का स्वरूप बदला गया है ताकि वे स्थानीय और विधानसभा स्तर दोनों पर सक्षम हों.
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