Bhagalpur Spun Mill: भागलपुर में वर्षों पहले बंद हुए स्पन सिल्क मिल के जिन कर्मचारियों को बकाया वेतन मिलना है, उनको ढूंढ़ कर देने के बजाय औद्योगिक विकास निगम ने ट्रेसलेस बता दिया है.
Bhagalpur Spun Mill: भागलपुर में वर्षों पहले बंद हुए स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों को बकाया वेतन मिलना तय हुआ है लेकिन, उनको ढूंढ़ कर देने के बजाय औद्योगिक विकास निगम ने ट्रेसलेस बता दिया है. यह मिल शहर के जीरोमाइल में स्थित है और वर्षों पहले बंद हो चुका है. जिन लोगों को बकाया वेतन मिलना है, उसमें 10 कर्मचारी है. बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के लिए ट्रेसलस है. मजे की बात यह है कि विकास निगम उन कर्मचारियों को ढूंढ़ भी नहीं पा रहा है. जबकि, एक समय था कि अपना बकाया वेतन के लिए वह कार्यालय का चक्कर लगाता था लेकिन, बकाया वेतन नहीं मिला और सभी थक हार कर घर बैठ गये. अब विकास निगम को ढूंढ़ना पड़ रहा है.
औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के सूचना प्रबंध निदेशक की ओर से जारी की गयी है. आम सूचना जारी की है. इसमें कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे विवाद में दिये गये आदेश के अनुपालन में विकास निगम लिमिटेड की इकाई बिहार स्पन सिल्क मिल, बहादुरपुर(भागलपुर) के कर्मियों का बकाया वेतन का भुगतान किया जाना है. जिन कर्मचारियों को बकाया वेतन दिया जाना है कि वह ट्रेसलेस हैं. उन्हें बकाया वेतन के लिए पटना कार्यालय में कुछ जरुरी कागजात के साथ संपर्क करना है.
शमीम अहमद, जगदेश ओझा, रामचंद्र पांडेय, चंद्रीका प्रसाद सिंह, गिरेंद्र कुमार सिन्हा, दशरथ प्रसाद मंडल, स्व अयोधी हरिजन के परिजन, मंजू कुमारी, स्व सीताराम मंडल के परिजन एवं स्व छोटेलाल हंसदा के परिजन.
बिहार राज्य स्पन सिल्क मिल जीरोमाइल में स्थित है. यह मिल कभी रेशम व सूती धागा उत्पादन को लेकर गुलजार था. बुनकरों को भरपूर मात्रा में धागा मिलता था लेकिन, व्यवस्था की उदासीनता ने मिल में पहले ताला लगवा दिया. यहां करोड़ों रुपये के लगे उपकरण को महज 16.51 लाख रुपये में कबाड़ में बेच दिया गया. मिल को चालू करने के बजाय निजी कंपनी को आठ एकड़ की करीब 300 करोड़ के अंचल संपत्ति को महज 7.5 करोड़ में 30 वर्ष के लिए लीज पर वर्ष 2020 से पहले आवंटित कर दी थी. जिस उद्देश्य के साथ स्पन मिल की जमीन दी गई उसके अनुसार कंपनी ने कार्य नहीं किया.