BHAGALPUR : सत्संग में वह शक्ति है जो व्यक्ति के जीवन को बदल देता है

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 भगवान से मिलने के लिए भाव आवश्यक है : पंकज आचार्य जी

BHAGALPUR:  भगवान से मिलने के लिए भाव आवश्यक है. अशुद्ध जीव कभी धर्म नहीं कर सकता. भागवत कथा से मानव को कर्तव्य बोध होता है. मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम स्वीकार नहीं करते हैं. निष्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं. भगवान की भक्ति में ही शक्ति है. मनुष्य जीवन में जाने अनजाने प्रतिदिन कई पाप होते हैं. उनका ईश्वर के समक्ष प्रायश्चित करना है. एकमात्र मुक्ति पाने का उपाय है. यह बातें तिलकामांझी हटिया दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महायज्ञ के तीसरे दिन मंगलवार को पंडित पंकज आचार्य जी महाराज ने प्रवचन में कही. उन्होंने जीवन में सत्संग की महत्ता बताते हुए कहा कि सत्संग में वह शक्ति है जो व्यक्ति के जीवन को बदल देता है. व्यक्तिय को जीवन में क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा, संग्रह आदि का त्याग कर विवेक के साथ श्रेष्ठ कर्म करने चाहिए. भगवान के नाम मात्र से ही व्यक्ति भवसागर से पार उतर जाता है. उन्होंने कहा की भागवत कीर्तन ज्ञानी पुरुषों के साथ सत्संग कर ज्ञान प्राप्त करने व अपने जीवन को सार्थक करने का आह्वान किया. कथा एवं भजनों पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गये एवं राधे राधे के नारों से इस क्षेत्र का वातावरण भक्ति में हो गया.

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