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Bhagalpur News: भागलपुर पहुंचे मत्स्य संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव, सुधार डेयरी को मिली सौगात

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HelloCities24
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Bhagalpur News: बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन, विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी शनिवार को भागलपुर पहुंचे और जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी व मत्स्य संसाधन के निदेशक अभिषेक रंजन के साथ भागलपुर सुधा डेयरी का निरीक्षण किया गया. वहां मीटिंग हॉल में डेयरी के कार्यों की समीक्षा की गई.
उन्होंने भागलपुर डेयरी प्लांट के एक-एक यूनिट का भ्रमण कर अवलोकन किया. अपर मुख्य सचिव ने भागलपुर डेयरी के प्रबंध निदेशक शिवेन्द्र कुमार सिंह को ग्रामीण क्षेत्र के दूध संग्रहण में महिलाओं को अधिक से अधिक भागीदारी बढ़ाने के निर्देश दिए.

उन्होंने कहा कि दुग्ध के पैसे भी अधिक से अधिक महिलाओं के खाते में ही भेजा जाये. उन्होंने भागलपुर डेयरी को 10 हजार मेट्रिक टन का एक नया मिनी संयंत्र संस्थापित करने के लिए 3 करोड रुपये की स्वीकृति प्रदान की. इसके साथ ही सुधा के उत्पाद गुलाब जामुन, पेड़ा, घी आदि के लिए नये उपकरण खरीदने के निर्देश दिए, जिसकी राशि विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी.

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उन्होंने भागलपुर डेयरी के दुग्ध संग्रहण क्षमता को 94000 लीटर प्रतिदिन से बढ़कर 1.50 लाख लीटर प्रतिदिन करने के निर्देश दिए. समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने सरकार द्वारा दुग्ध उत्पादन के लिए चलाए जा रहे सभी प्रकार की योजनाओं में शत प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के निर्देश दिए.

भागलपुर में अलंकारी मछली हैचरी की है अपार संभावना, महिलाओं को जोड़ने का निर्देश

अपर मुख्य सचिव डॉ एन विजयलक्ष्मी ने समीक्षा भवन में भागलपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, खगड़िया, लखीसराय एवं शेखपुरा जिले में पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की संचालित योजनाओं की बारी-बारी से समीक्षा की. इसमें अलंकारी मत्स्य पालन के संबंध में बताया गया कि भागलपुर में दो हैचरी बनाया गया है, जिसमें रंगीन मछली के बीज तैयार किया जा रहा है. अपर मुख्य सचिव ने इस योजना को महिलाओं से जोड़ने एवं उन्हें प्रशिक्षण दिलाने को कहा. इससे एक्वेरियम बनाने का कुटीर उद्योग संस्थापित किया जा सकेगा.

जिलाधिकारी ने सुझाव दिए कि विभाग द्वारा एक एसओपी बनाया जाना चाहिए, ताकि एक्वेरियम रखने वाले को पता चल सके कि कौन-कौन सी मछली को एक साथ रखा जा सकता है और इसे क्या और कब खिलाना है. कब पानी बदलना है. इस बात की जानकारी एसओपी में रहे एवं इसे सोशल मीडिया के द्वारा प्रचारित किया जाये. उन्होंने कहा कि सैंडिस मैदान और नवगछिया जीरोमाइल के समीप इसकी स्थाई प्रदर्शनी लगाई जा सकती है.

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