Bhagalpur News: बाढ़ की वजह से ट्रेन परिचालन ठप रहने की अवधि में मालदा रेल डिवीजन ने कई महत्वपूर्ण कार्य कराए हैं. इससे अब ट्रेन की यात्रा और ज्यादा सुखद होगी. रेलवे ने आपदा को अवसर में बदलने का काम किया है. लंबित कार्यों को पूरा किया है.
Bhagalpur News: आपदा को अवसर में बदलते हुए, पूर्व रेलवे के मालदा मंडल ने जल स्तर में वृद्धि के मद्देनजर ट्रेनों की आवाजाही स्थगित होने की अवधि के दौरान विभिन्न आवश्यक लंबित कार्यों को पूरा किया है. गंगा नदी के कारण आई भीषण बाढ़ के परिणामस्वरूप 21 सितंबर, 2024 को रात 11.30 बजे से 24 सितंबर, 2024 को शरम 4.00 बजे तक सुल्तानगंज-रतनपुर खंड के बीच यातायात स्थगित होना इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती थी लेकिन, इसे एक बाधा के रूप में देखने के बजाय, टीम मालदा ने रेलवे नेटवर्क के लिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण रखरखाव और उन्नयन परियोजनाओं को शुरू करने के लिए अवसर का लाभ उठाया.
यातायात के अस्थायी ठहराव ने टीम मालदा को आवश्यक कार्य करने के लिए एक अमूल्य अवसर प्रदान किया जो नियमित संचालन के दौरान चुनौतीपूर्ण होता. प्राकृतिक आपदा को बुनियादी ढांचे में सुधार के अवसर में बदलने की उनकी क्षमता रेलवे नेटवर्क को सुरक्षित, कुशल और भविष्य के लिए तैयार रखने की उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है. इस अवधि के दौरान पूरा किया गया कार्य न केवल परिचालन विश्वसनीयता को बढ़ाएगा, बल्कि यात्रियों के लिए एक सहज और सुरक्षित यात्रा अनुभव भी सुनिश्चित करेगा.
बाढ़ निलंबन अवधि के दौरान, टीम मालदा ने अपनी सावधानीपूर्वक योजना और कड़ी मेहनत का प्रदर्शन करते हुए कई स्टेशनों और अनुभागों में परियोजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को सफलतापूर्वक निष्पादित किया.
1) मुरारपुर में एक नए फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) का शुभारंभ: मुरारपुर स्टेशन पर कनेक्टिविटी में सुधार और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बहुत जरूरी पैदल यात्री बुनियादी ढांचे के निर्माण कार्य को पूरा किया गया.
2) जमालपुर (जेएमपी) यार्ड में डायमंड क्रॉसिंग का पूर्ण सेट में परिवर्तन: टीम ने जेएमपी यार्ड में डायमंड क्रॉसिंग डबल स्लिप को सफलतापूर्वक पूर्ण सेट में परिवर्तित कर दिया, एक महत्वपूर्ण उन्नयन जिसने कंपाउंड जोड़ों के 6 सेट को समाप्त कर दिया. इसके परिणामस्वरूप सुचारू संचालन, रखरखाव की कम आवश्यकताएं और स्थायित्व में वृद्धि होगी.
3) स्विच परिवर्तन: महत्वपूर्ण स्विच प्रतिस्थापन किए गए, जिससे ट्रैक सुरक्षा और विश्वसनीयता में वृद्धि हुई. दशरथपुर (डीआरटीपी) और धनौरी (डीएनआरई) स्टेशनों पर दो पारंपरिक स्विच परिवर्तन किए गए.
4) चार ट्रैक विंग स्विच (TWS) परिवर्तन: अकबरनगर रेलवे स्टेशन (AKN) और धनौरी रेलवे स्टेशन (DNRE) पर दो –दो स्विच परिवर्तन किए गए.
5) बैलास्ट क्लीनिंग मशीन (बीसीएम) संचालन: सुचारू और सुरक्षित ट्रेन आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए, धरहरा (डीआरएच) - अभयपुर (एएचए) अप लाइन पर और डीआरएच स्टेशन की सीमा के भीतर 900 मीटर की गहरी स्क्रीनिंग पूरी की गई. इसके अलावा, प्वाइंट एंड क्रॉसिंग (पी एंड सी) के दो सेटों की गहन जांच की गई, जिससे पटरियों की ताकत और दीर्घायु में वृद्धि हुई.
6) प्वाइंट और क्रॉसिंग टैंपिंग मशीन (पीसीटीएम): जेएमपी यार्ड में प्वाइंट जिंग के आठ सेट और 600 मीटर एप्रोच ट्रैक का रखरखाव किया गया, जिससे इस महत्वपूर्ण जंक्शन पर सुचारू और सुरक्षित ट्रेन संचालन सुनिश्चित हुआ.
7) डुओमैटिक ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (डीटीआरसी) निरीक्षण: डुओमैटिक ट्रैक रिकॉर्डिंग कार का उपयोग करके 5700 मीटर ट्रैक का व्यापक निरीक्षण किया गया. ये निरीक्षण सक्रिय रखरखाव की अनुमति देंगे और भविष्य में ट्रैक समस्याओं की संभावना को कम करेंगे.
8) एसकेवी वेल्डिंग: रेलवे नेटवर्क की अखंडता और सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कुल 46 वेल्ड पूरे किए गए. वेल्डिंग विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों पर की गई.