Bhagagalpur News: दहेज की मांग पूरी न होने पर अपनी पत्नी सविता देवी की हत्या करने के दोषी बलराम मुनि को बुधवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (ADJ) 15 सुरेश कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने 10 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने बलराम मुनि पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. साथ ही, अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माना न भरने पर उसे तीन महीने की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. हालांकि, अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि बलराम मुनि ने पहले जेल में जो समय बिताया है, उसे उसकी सजा की अवधि में समायोजित किया जाएगा.
सजा की मात्रा पर सुनवाई के दौरान, बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से नरमी बरतने की अपील की. उन्होंने तर्क दिया कि बलराम अपने माता-पिता की देखभाल करने वाला एकमात्र व्यक्ति है और उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए उसे कम से कम सजा दी जानी चाहिए.
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वहीं, सरकार की ओर से बहस में शामिल हुए अतिरिक्त लोक अभियोजक काशी नाथ मिश्रा ने अदालत से कड़ी सजा की मांग की. उन्होंने तर्क दिया कि बलराम ने पति और पत्नी के पवित्र रिश्ते को कलंकित किया है, इसलिए वह किसी भी सहानुभूति का पात्र नहीं है.
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, बलराम मुनि को दहेज हत्या का दोषी पाया और उसे 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.