Bhagalpur: भागलपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) को 30 जून तक चालू करने का लक्ष्य है, लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही के कारण इस पर तलवार लटक गई है. बुडको और बिजली विभाग आमने-सामने हैं, और अब STP का तय समय पर शुरू होना मुश्किल लग रहा है.
बुडको का आरोप: पैसे लेकर भी काम नहीं!
बुडको ने बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि बिजली विभाग ने पंपिंग स्टेशन के इंस्टॉलेशन कार्य और सुपरविजन चार्ज की पूरी राशि ले ली है, जबकि STP के लिए सुपरविजन चार्ज लिया गया है. बुडको STP के लिए भी पूरी राशि देने को तैयार है, बावजूद इसके बिजली विभाग ने अभी तक काम शुरू नहीं किया है. बुडको अधिकारियों के मुताबिक, बिजली विभाग लगातार बहानेबाजी कर रहा है.
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सुपरविजन चार्ज पर भी टालमटोल
मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा. नगर विकास और आवास विभाग (UDHD) के एमडी ने बुडको को 21 प्रतिशत सुपरविजन चार्ज देकर काम शुरू कराने को कहा. बुडको इस पर भी सहमत हो गया और पूरी राशि देने के लिए तैयार है, लेकिन अब बिजली विभाग का नया बहाना सामने आया है.
बिजली विभाग का नया पैंतरा: अब टेंडर का बहाना!
जब बुडको बिजली विभाग की सारी शर्तें मानने को तैयार हो गया, तो अब बिजली विभाग का कहना है कि वे खुद काम नहीं करते, बल्कि इसके लिए टेंडर जारी किया जाएगा. फिर एजेंसी का चयन होगा, वर्क ऑर्डर जारी होगा और एग्रीमेंट होगा. इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय लगता है, जिससे 30 जून की डेडलाइन को पूरा करना असंभव सा लगता है.
इको-सेंसिटिव जोन में अटके 5 पंपिंग स्टेशन
STP के लिए 10 पंपिंग स्टेशन बनने हैं, जिनमें से 5 का काम अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. ये पंपिंग स्टेशन (एक, दो, तीन, चार व पांच) इको-सेंसिटिव जोन में आते हैं, जहां निर्माण पर रोक है. अभी तक इन पंपिंग स्टेशनों के लिए एनओसी नहीं मिली है. इन पांच पंपिंग स्टेशनों के बिना STP अपनी पूरी क्षमता (45 एमएलडी) से चालू नहीं हो पाएगा, यह केवल 25 एमएलडी से ही शुरू हो सकेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी?
बुडको के कार्यपालक अभियंता अखिलेश्वर प्रसादds के अनुसार बिजली कार्य मद में पूरी राशि दी जा चुकी है. उन्होंने दोनों विभागों के एमडी को भी अवगत कराया है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है. बिजली विभाग के नए टालमटोल से डेडलाइन पर STP का चालू होना मुश्किल है.