Ranchi University BEd Admission: रांची विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कॉलेजों की हालत चिंताजनक हो गई है. रांची वीमेंस कॉलेज, डोरंडा कॉलेज और गुमला का केओ कॉलेज जैसे प्रमुख संस्थानों में इस समय बीएड की कक्षाओं में एक भी छात्र मौजूद नहीं है. इसका असर शिक्षकों पर भी पड़ रहा है—करीब 45 शिक्षक बिना पढ़ाए ही वेतन लेने को मजबूर हैं.
28 कॉलेज प्रभावित
जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय से जुड़े 28 बीएड कॉलेजों में यही स्थिति बनी हुई है. हर शिक्षक को लगभग 50 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन मिलता है, लेकिन विद्यार्थियों की अनुपस्थिति के कारण शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बंद हैं.
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परीक्षा के बाद छात्रों की गैरहाजिरी
बीएड द्वितीय वर्ष (सत्र 2023–25) की फाइनल परीक्षा अगस्त 2025 से प्रस्तावित है. परीक्षा कार्यक्रम जारी होते ही छात्रों ने कॉलेज आना छोड़ दिया. वहीं बीएड प्रथम वर्ष (सत्र 2024–26) के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा फॉर्म भरने की प्रक्रिया चल रही है. सितंबर में परीक्षा तय है, लेकिन इन छात्रों की उपस्थिति भी अब नगण्य रह गई है.
नया सत्र शुरू होने से पहले ही संकट
सबसे गंभीर स्थिति बीएड सत्र 2025–27 की है. यह नया सत्र एक अगस्त से शुरू होना था, लेकिन नामांकन प्रक्रिया अटक गई है. झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (JCECEB) ने चार जुलाई को रिजल्ट जारी करने के बाद सात जुलाई को अचानक परिणाम और काउंसलिंग दोनों रद्द कर दिए.
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अभ्यर्थियों का भविष्य अंधेरे में
रिजल्ट रद्द हुए डेढ़ महीने से अधिक समय गुजर चुका है, लेकिन न तो नया परिणाम जारी हुआ और न ही कॉलेजों या छात्रों को कोई अपडेट मिला. इस वजह से नए सत्र में प्रवेश लेने वाले सैकड़ों अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते परिणाम घोषित नहीं किया गया तो नामांकन महीनों तक टल सकता है और पूरा शैक्षणिक कैलेंडर अस्त-व्यस्त हो जाएगा.
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