Bangladesh Violence : पांच अगस्त को पद से हटने के बाद अपने पहले सार्वजनिक बयान में बांग्लादेश की शेख हसीना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर जुलाई से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है. उन्होंने देश छोड़ने के बाद पहली बार कहा कि उन्हें न्याय चाहिए. हसीना इस समय नयी दिल्ली में हैं.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी शेख हसीना ने लंबे समय के बाद अपने बयान में कहा कि उन्हें न्याय चाहिए. मैं मांग करती हूं कि हाल में बांग्लादेश में हुई हत्याओं और तोड़फोड़ में शामिल लोगों की उचित जांच करायी जाये और उन्हें सजा दी जाये. उन्होंने अपनी पार्टी अवामी लीग के नेताओं, कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों के खिलाफ हिंसा को आतंकवादी हमला करार दिया है. दरअसल, शेख हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर शेख हसीना की ओर से बयान जारी किया है. साजिब वाजेद ने पोस्ट में लिखा है कि मैं आपसे अपील करती हूं कि 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को पूरी गरिमा और गंभीरता के साथ मनाएं. बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना करके सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें.
सार्वजनिक बयान में शेख हसीना ने कहा कि आंदोलन के नाम पर जुलाई से जारी हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई है. हसीना इस समय नयी दिल्ली में हैं. हसीना ने 15 अगस्त, 1975 को अपने परिवार के सदस्यों की नृशंस हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे अपने जैसे उन लोगों के प्रति सहानुभूति है. जो अपने प्रियजनों को खोने के दुख के साथ जी रहे हैं.
मैं इन हत्याओं और आतंकवादी कृत्यों में शामिल लोगों की पहचान कर और उन्हें सजा देने के लिए उचित जांच की मांग करती हूं. बयान में हसीना ने कहा कि मैं छात्रों, शिक्षकों, पुलिस कर्मियों, गर्भवती महिलाओं, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और उसके सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल चलने वालों और कई प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों की मौत पर दुख व्यक्त करती हूं.
ये भी पढ़ें : 190 भारतीय दूतावास कर्मचारियों की सकुशल वतन वापसी, 20 से अधिक सीनियर अब भी ढाका में फंसे