Hockey Asia Cup 2025 in Bihar: बिहार अगले महीने खेल प्रेमियों के लिए बड़ा आकर्षण बनेगा. 29 अगस्त से 7 सितंबर तक नालंदा जिले के राजगीर हॉकी स्टेडियम में पुरुष एशिया कप 2025 का 12वां संस्करण आयोजित होगा. रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस टूर्नामेंट की ट्रॉफी और आधिकारिक शुभंकर ‘चांद’ का अनावरण कर बिहारवासियों को उत्साहित कर दिया. इस प्रतियोगिता में महाद्वीप की शीर्ष हॉकी टीमें खिताब के लिए आमने-सामने होंगी.
हॉकी एशिया कप 2025 में भारत के अलावा चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, दक्षिण कोरिया, ओमान और बांग्लादेश की टीमें भी भाग लेंगी. विजेता टीम सीधे 2026 में बेल्जियम और नीदरलैंड्स में होने वाले एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए क्वालीफाई करेगी, जिससे मुकाबलों की रोमांचक संभावनाएँ बढ़ जाती हैं.
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बिहार में खेल संस्कृति को मिलेगा नया आयाम
बिहार में पहली बार हीरो एशिया कप 2025 का आयोजन राज्य खेल अकादमी-सह-बिहार खेल विश्वविद्यालय, राजगीर के परिसर में 29 अगस्त से 7 सितंबर तक किया जाएगा। इस पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में भारत के साथ-साथ चीन, जापान, चीनी ताइपे, मलेशिया, कोरिया, ओमान एवं बांग्लादेश की शीर्ष टीमें भाग लेंगी।… pic.twitter.com/47bsosfYry
— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 17, 2025
राजगीर हॉकी स्टेडियम में यह टूर्नामेंट पिछले साल आयोजित महिला एशियन चैंपियंस ट्रॉफी की सफलता को आगे बढ़ाएगा. 2024 में इसी मैदान पर भारत ने महिला खिताब अपने नाम किया था. इस वर्ष का टूर्नामेंट राष्ट्रीय खेल दिवस और मेजर ध्यानचंद की जयंती के दिन शुरू होगा, जो भारतीय हॉकी और महान खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि देने का प्रतीक भी है.

मुख्यमंत्री ने किया शुभंकर और ट्रॉफी का अनावरण
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि पहली बार बिहार में राज्य खेल अकादमी-कम-बिहार स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, राजगीर में हीरो एशिया कप 2025 आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि “आज ‘संकल्प’, अणे मार्ग में मैस्कॉट ‘चांद’ और ट्रॉफी का अनावरण किया गया. ऐसे आयोजनों से बिहार में खेल संस्कृति मजबूत होगी और युवा खिलाड़ी प्रोत्साहित होंगे.”
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‘चांद’ : सिर्फ शुभंकर नहीं, हॉकी की भावना
शुभंकर ‘चांद’ को साहस, फुर्ती और कौशल का प्रतीक माना गया है. इसे भारत के राष्ट्रीय पशु बाघ के रूप में दर्शाया गया है. लाल टोपी ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है, जबकि जादूगरनुमा टोपी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को समर्पित है. यह बिहार के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के बाघ से प्रेरित है और आत्मविश्वास, ताकत और चपलता का प्रतीक है. हाथ में हॉकी स्टिक और लक्ष्य पर टिकी नजर इसे अनुशासन, समर्पण और जीत की जिजीविषा का प्रतीक बनाती हैं.
इस तरह, शुभंकर ‘चांद’ केवल टूर्नामेंट का प्रतीक नहीं है, बल्कि हॉकी की असली भावना, बिहार की शान और खेल की एकता का संदेश भी देता है.
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