Parliament Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र के दौरान बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए—संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025. इन विधेयकों के पेश होते ही विपक्षी दलों ने जोरदार आपत्ति जताई और सरकार से उन्हें तुरंत वापस लेने की मांग की.
विपक्ष का हंगामा और प्रतियां फाड़ी गईं
लोकसभा में बिलों की कॉपियां विपक्षी सांसदों ने फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की ओर उछाल दीं. कांग्रेस समेत कई दलों ने इसे लोकतंत्र और संविधान की आत्मा पर हमला करार दिया. हंगामे के बीच नारेबाजी भी तेज रही.
संयुक्त समिति को भेजे गए विधेयक
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Union Home Minister Amit Shah tables in Lok Sabha the Constitution (One Hundred and Thirtieth Amendment) Bill, 2025, Government of Union Territories (Amendment) Bill, 2025, Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill, 2025 pic.twitter.com/cdRMWgViVf
— ANI (@ANI) August 20, 2025
गृह मंत्री अमित शाह ने सदन में स्पष्ट किया कि तीनों विधेयकों को आगे विचार के लिए संयुक्त समिति (जॉइंट कमेटी) को भेजा जाएगा. इस प्रस्ताव को लोकसभा ने मंजूरी भी दे दी.
दो बार स्थगित हुई कार्यवाही
तीनों बिल जैसे ही सदन में पेश किए गए, विपक्षी सांसदों ने विरोध तेज कर दिया. भारी हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पहले कार्यवाही को दोपहर 3 बजे तक स्थगित किया. इसके बाद जब सदन की कार्यवाही पुनः शुरू हुई तो विपक्ष ने फिर से जोरदार शोरगुल किया. नतीजतन, कार्यवाही शाम 5 बजे तक स्थगित करनी पड़ी.
पुलिस राज्य की दिशा में देश को धकेलना चाहती है: ओवैसी
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा आघात है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इन संशोधनों के जरिए निर्वाचित सरकारों की शक्तियों को खत्म कर, पुलिस राज्य की दिशा में देश को धकेलना चाहती है. ओवैसी ने कहा, ‘यह कदम शक्तियों के विभाजन की संवैधानिक अवधारणा का उल्लंघन है और चुनी हुई सरकारों के अधिकार छीनने की कोशिश है.’
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