21.1 C
Delhi
Thursday, October 16, 2025
- Advertisment -

ब्रेकिंग वीडियो

अमेरिका ने माना भारत की आत्मनिर्भरता का लोहा; ‘युद्ध में कहीं टिक नहीं पाया पाकिस्तान’

India: मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में शहरी युद्ध अध्ययन के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर" सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन, एक बाजार संकेत और एक रणनीतिक खाका था. उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया कि आधुनिक युद्ध में आत्मनिर्भरता कैसी होती है, यह साबित करते हुए कि आत्मनिर्भर भारत मुश्किल समय में भी सफल होता है.

India: एक प्रमुख अमेरिकी रक्षा विश्लेषक ने कहा है कि “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भारत ने न केवल सीमा पार आतंकी नेटवर्क को ध्वस्त किया, बल्कि अपनी रक्षा तकनीक का भी लोहा मनवाया. यह विश्लेषण “इंडियाज ऑपरेशन सिंदूर: ए बैटलफील्ड वर्डिक्ट ऑन चाइनीज ओपन एंड इंडियाज विक्ट्री” शीर्षक से जारी किया गया है.

मॉडर्न वॉर इंस्टीट्यूट में शहरी युद्ध अध्ययन के अध्यक्ष जॉन स्पेंसर ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर” सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन, एक बाजार संकेत और एक रणनीतिक खाका था. उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को दिखाया कि आधुनिक युद्ध में आत्मनिर्भरता कैसी होती है, यह साबित करते हुए कि आत्मनिर्भर भारत मुश्किल समय में भी सफल होता है.

पाकिस्तान भारत की संप्रभु शक्ति के सामने टिक नहीं पाया

स्पेंसर ने बताया कि “ऑपरेशन सिंदूर” ने भारत के स्वदेशी रूप से विकसित हथियार प्रणालियों को पाकिस्तान द्वारा चीन से आयातित प्लेटफार्मों के खिलाफ खड़ा किया. उन्होंने जोर दिया कि जो हुआ वह केवल प्रतिशोध नहीं था, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत निर्मित एक संप्रभु शस्त्रागार का रणनीतिक पदार्पण था.

स्पेंसर के अनुसार, पाकिस्तान की दूसरे देश पर निर्भरता “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान भारत की संप्रभु शक्ति के मुकाबले टिक नहीं सकी. भारत ने एक संप्रभु शक्ति के रूप में युद्ध लड़ा, जिसमें उसने अपने द्वारा डिजाइन, निर्मित और तैनात सटीक हथियारों का युद्धक्षेत्र में बेजोड़ प्रयोग किया. वहीं, पाकिस्तान चीनी हथियारों पर निर्भर था, जो निर्यात के लिए बनाए गए थे, न कि उत्कृष्टता के लिए. चुनौती दिए जाने पर ये प्रणालियां विफल हो गईं, जिससे इस्लामाबाद की रक्षा स्थिति का खोखलापन उजागर हुआ.

आधुनिक रक्षा शक्ति में बदलाव 2014 में शुरू हुआ

अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञ स्पेंसर ने कहा कि भारत का आधुनिक रक्षा शक्ति में परिवर्तन 2014 में शुरू हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल की शुरुआत की. इसका लक्ष्य स्पष्ट था: विदेशी हथियार आयात पर निर्भरता कम करना और एक विश्वस्तरीय घरेलू रक्षा उद्योग का निर्माण करना.

इस नीति ने संयुक्त उद्यमों को प्रोत्साहित किया, रक्षा क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को खोला और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र के निर्माताओं को घरेलू स्तर पर उन्नत सैन्य हथियार और अन्य सामान बनाने के लिए प्रेरित किया.

पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए स्पेंसर ने कहा कि कोविड-19 महामारी और चीन के साथ गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति महज एक आर्थिक नीति न रहकर एक राष्ट्रीय सुरक्षा सिद्धांत बन गई. भारत ने प्रमुख रक्षा आयात पर चरणबद्ध प्रतिबंध लगाए, सशस्त्र बलों को आपातकालीन खरीद शक्तियां दीं और स्वदेशी अनुसंधान, डिजाइन और उत्पादन में निवेश किया.

2025 तक भारत ने रक्षा खरीद में घरेलू सामग्री को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया और दशक के अंत तक 90 प्रतिशत का लक्ष्य रखा. स्पेंसर का मानना है कि भारत के इस नए सिद्धांत का परीक्षण “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान किया गया.

- Advertisement -
HelloCities24
HelloCities24
HelloCities24 हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, पॉलिटिक्स, बॉलीवुड, खेल और मनोरंजन से जुड़ी ताजा खबरें लाता है. अपने शहर की बड़ी खबरें सबसे पहले पाएं HelloCities24 पर — भरोसेमंद हिंदी न्यूज प्लेटफॉर्म.
संबंधित खबरें

जरूर पढ़ें

- Advertisment -
Patna
mist
22 ° C
22 °
22 °
100 %
0kmh
0 %
Wed
22 °
Thu
31 °
Fri
31 °
Sat
32 °
Sun
32 °

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

- Advertisment -

अन्य खबरें