Aja Ekadashi 2024: भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि (Bhadrapad Ekadashi 2024) के दिन अजा एकादशी का व्रत रखते हैं. इस अजा एकादशी पर श्रीहरि की पूजा का विशेष संयोग बन रहा है. इस साल अजा एकादशी व्रतियों के लिए बेहद खास मानी जा रही है. व्रत करने से लोगों की संतान सुखी रहती है.
Aja Ekadashi 2024: अजा एकादशी का विधि-विधान से व्रत करने से लोगों की संतान सुखी रहती है, उस पर आने वाले संकट भी दूर होते हैं. भगवान विष्णु की पूजा करने से लोगों के पाप मिटते हैं और मृत्यु के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. भादों की अजा एकादशी इस बार बेहद खास है. नारायण हरि की पूजा करने वालों को सुख-समृद्धि और कई गुना फल प्राप्त होगा. जानें अजा एकादशी 2024 के शुभ संयोग, मुहूर्त. मान्यता है कि इन दुर्लभ संयोग में विष्णु जी (Vishnu ji) की पूजा का दोगुना फल प्राप्त होगा. इस साल अजा एकादशी 29 अगस्त 2024 को है.
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Aja Ekadashi 2024 : शुभ संयोग
हिंदू धर्म में अजा एकादशी व्रत का बहुत महत्व है. जब इस एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग बनते हैं तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है. अजा एकादशी पर सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि और गुरुवार का शुभ संयोग बन रहा है. मान्यता है कि इन शुभ संयोग में अजा एकादशी का व्रत करने से गरीबी दूर होती है. घर में सुख और समृद्धि आती है. अजा एकादशी का व्रत राजा हरिश्चंद्र ने भी रखा था, जिसके कारण उनके जीवन में खुशियों की बहार आई. कुछ सामान्य संयोगों में सिद्धि योग, रवि योग, और शुभ नक्षत्र शामिल होते हैं.
- सर्वार्थ सिद्धि योग - 29 अगस्त, शाम 04:39 - सुबह 05:58, 30 अगस्त
- सिद्धि योग - 28 अगस्त 2024, रात 07.12 - 29 अगस्त 2024, शाम 06.18
- गुरुवार और एकादशी दोनों ही विष्णु जी को समर्पित है. इस शुभ संयोग में विष्णु जी की पूजा करने से वैवाहिक जीवन में सुख, धन प्राप्ति और भाग्य का साथ मिलता है.
पूजा विधि
- अजा एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ कपड़े पहनें.
- सुबह सूर्य नारायण का ध्यान करें और उन्हें तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं.
- अजा एकादशी के दिन एक चौकी पर भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें.
- भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा पीले पुष्प, पीले वस्त्र, पीले फल और पीली मिठाई चढ़ाएं.
- फिर अगरबत्ती या धूप बत्ती जलाकर आरती करें और आरती के बात व्रत कथा पढ़ें.
- अंत में भगवान विष्णु को भोग लगाकर लोगों को प्रसाद बांटें और स्वयं भी ग्रहण करें.
- पूजा खत्म होने के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को अनाज, कपड़े, फल आदि का दान कर सकते हैं.
इस संयोग में करें पूजा
भगवान विष्णु का यह व्रत गुरुवार के दिन है. यह पहला संयोग है. शास्त्रों के अनुसार, गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का दिन माना जाता है. दूसरा संयोग यह है कि अजा एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. जो 29 अगस्त की शाम के समय 4:39 बजे से और पारण वाले दिन 30 अगस्त को सुबह 5:58 बजे खत्म होगा. तीसरा संयोग यह है कि व्रत वाले दिन सुबह में सिद्धि योग बनेगा, जो शाम 6:18 बजे तक रहेगा.
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