26.1 C
Delhi
Monday, October 13, 2025
- Advertisment -

ब्रेकिंग वीडियो

AI सेहत के लिए कितना सुरक्षित? जानें कैसे चैटबॉट्स बन सकते हैं मेंटल हेल्थ का खतरा

AI Mental Health Risk: क्या मेंटल हेल्थ के लिए AI चैटबॉट्स लेना सही फैसला है? मुंबई के एक बच्चे का केस बताता है कि ग़लत सलाह कैसे गंभीर मानसिक संकट का कारण बन सकती है.

- Advertisement -

AI Mental Health Risk: मुंबई में एक 14 साल के बच्चे को पेट दर्द की शिकायत पर जब अस्पताल ले जाया गया, तो डॉक्टरों को कोई शारीरिक बीमारी नहीं मिली. जांच में पता चला कि यह दर्द नहीं, बल्कि एंग्जायटी अटैक का असर था — जिसकी शुरुआत एक AI चैटबॉट से हुई ग़लत सलाह से हुई थी. बच्चे ने अपनी परेशानी पहले चैटबॉट को बताई थी, जिसने लक्षणों को गैस्ट्रो प्रॉब्लम से जोड़ दिया. जबकि असली कारण था स्कूल में लगातार हो रही बुलिंग, जिससे मानसिक दबाव बना. यह मामला एक बड़ी चेतावनी है — क्या AI चैटबॉट्स हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बनते जा रहे हैं?

AI कर सकता है गलत डायग्नोसिस

विशेषज्ञों का कहना है कि हाल के समय में कई ऐसे केस सामने आए हैं, जिनमें लोगों ने AI चैटबॉट्स से मेंटल हेल्थ से जुड़ी सलाह ली और उनकी हालत और बिगड़ गई. क्योंकि चैटबॉट न आपकी बॉडी लैंग्वेज देख सकता है, न आपकी भावनाएं महसूस कर सकता है. AI जवाब ज़रूर देता है, लेकिन संवेदनशीलता नहीं समझता — और यहीं से समस्या शुरू होती है.

भरोसा मशीन पर, जिम्मेदारी किसकी?

AI चैटबॉट्स लोगों को एक प्राइवेट और नॉन-जजमेंटल स्पेस देते हैं, जो कई बार मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझ रहे लोगों को आकर्षित करता है. लेकिन एक्सपर्ट्स की राय में यह एक खतरनाक चलन बनता जा रहा है. स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट बताती है कि AI टूल्स कोई प्रमाणिक मेडिकल समाधान नहीं हैं — ये गंभीर मानसिक स्थितियों को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं और गलत सलाह दे सकते हैं.

मदद लें, लेकिन सीमाएं पहचानें

अमेरिका के एक सर्वे में सामने आया कि करीब 50% लोग AI टूल्स का उपयोग केवल “थेरेपी जैसी बातचीत” के लिए करते हैं. जबकि AI टूल संसाधनहीन इलाकों में एक विकल्प तो हो सकते हैं, लेकिन भरोसेमंद या सुरक्षित समाधान नहीं. AI ना तो नैतिक ज़िम्मेदारी निभा सकता है, ना ही असल इमोशनल कनेक्शन बना सकता है.

इंसानी समझ की कोई जगह नहीं ले सकता AI

AI बेस्ड ऐप्स मूड ट्रैकिंग या बेसिक सपोर्ट देने में जरूर मददगार हो सकते हैं, लेकिन इलाज का विकल्प नहीं हैं. मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जटिलताओं को केवल इंसानी विशेषज्ञ ही सही तरीके से समझ और संभाल सकते हैं. यही वजह है कि AI का उपयोग सीमित और सतर्क तरीके से करना जरूरी है — खासकर मेंटल हेल्थ के मामले में.

Also Read- महंगे कपड़े पहनकर भी लगते हो सस्ते? जानिए क्यों

Also Read-बॉलीवुड की सबसे बड़ी कहानी अब शुरू होगी… आमिर खान ने कर दिया एलान

Also Read-बच्चों के टिफिन के लिए बेस्ट; सूजी पिज्जा टोस्ट की आसान रेसिपी

Also Read- लिपस्टिक का दोबारा इस्तेमाल ऐसे करें कि सब पूछें ‘कौन-सा प्रोडक्ट है?’

- Advertisement -
HelloCities24
HelloCities24
HelloCities24 हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, पॉलिटिक्स, बॉलीवुड, खेल और मनोरंजन से जुड़ी ताजा खबरें लाता है. अपने शहर की बड़ी खबरें सबसे पहले पाएं HelloCities24 पर — भरोसेमंद हिंदी न्यूज प्लेटफॉर्म.
संबंधित खबरें

जरूर पढ़ें

- Advertisment -
Patna
haze
27 ° C
27 °
27 °
61 %
2.1kmh
0 %
Mon
27 °
Tue
30 °
Wed
30 °
Thu
31 °
Fri
31 °

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

- Advertisment -

अन्य खबरें