Jharakhand राज्य की अबुआ आवास योजना गरीब और गृहविहीन लोगों के लिए एक सपने को साकार करने की ओर अग्रसर है. इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख पक्के मकान बनाना है, जिससे राज्य के लाखों लोगों के रहने के हालात में सुधार हो सकेगा.
लेने लगा आवास आकार
योजना के शुरू होने के बाद से, अबुआ आवास धीरे-धीरे आकार ले रहा है और लाभुकों का सपना एक ठोस वास्तविकता बनने लगा है. राज्य सरकार ने 2023-24 के लिए दो लाख घरों के निर्माण को मंजूरी दे दी है, और 2024-25 में 4.5 लाख अतिरिक्त घरों की स्वीकृति दी जाएगी. सरकार का लक्ष्य आने वाले वर्षों में हर साल चार लाख से अधिक घरों का निर्माण करना है, ताकि सभी जरूरतमंद लोगों को समय पर आवास मिल सके.
पहली किस्त से खड़ी की नींव
कांके प्रखंड के सुजीत उरांव जैसे लाभुकों के लिए, अबुआ आवास एक जीवन बदलने वाली पहल साबित हो रही है. अपने पहले से जर्जर हो चुके मिट्टी के घर को देखने के बाद, सुजीत उत्साहित हैं कि अब उनके पास एक सुरक्षित और स्थायी आशियाना होगा. सरकार द्वारा दी गई पहली किस्त से, उन्होंने अपने घर की नींव रखी है, और दूसरी किस्त उन्हें संरचना को नीवं तक ले जाने में सक्षम बनाएगी.
सरकार ने आवास निर्माण की प्रगति की निगरानी के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित किया है.मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि घर समय पर पूरे हों और उच्चतम गुणवत्ता मानकों को पूरा करें. सरकार जाति प्रमाणपत्रों और अन्य दस्तावेजों के तेजी से अपलोड को भी सुनिश्चित कर रही है, साथ ही बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर रही है ताकि आधार कार्ड से संबंधित त्रुटियों को दूर किया जा सके.
महत्वपूर्ण परिवर्तन दिखाई देगा
अबुआ आवास योजना के कार्यान्वयन से झारखंड के ग्रामीण परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन दिखाई देगा. लाखों परिवारों को सस्ते और आरामदायक घर मिलेंगे, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा और राज्य का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा.यह योजना एक आदर्श उदाहरण है कि कैसे सरकारी पहल लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, जिससे उन्हें गरिमा और सुरक्षा की भावना मिलती है जो एक पक्का घर प्रदान करती है.