22.1 C
Delhi
Thursday, October 30, 2025
- Advertisment -

ब्रेकिंग वीडियो

Tulsi Vivah 2025 : कब है तुलसी विवाह?, शुभ मुहूर्त और धार्मिक मान्यता जानें

Tulsi Vivah 2025: कार्तिक महीने में मनाया जाने वाला तुलसी विवाह हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ पर्व माना जाता है. इस दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम का विवाह होता है. पूजा से घर में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है.

Tulsi Vivah 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अत्यंत शुभ माना गया है, क्योंकि इसी दिन तुलसी विवाह का पावन उत्सव मनाया जाता है. इस दिन लक्ष्मी स्वरूपा तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम जी से कराया जाता है. यह मंगल पर्व घर में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आगमन कराने वाला माना जाता है. वर्ष 2025 में तुलसी विवाह का शुभ संयोग भक्तों के लिए विशेष महत्व लाता है. सही विधि और श्रद्धा के साथ की गई पूजा-अर्चना मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली कही जाती है और पारिवारिक जीवन में आनंद और शांति बनाकर रखती है.

तुलसी विवाह 2025: शुभ मुहूर्त

शास्त्रों के अनुसार तुलसी विवाह के लिए दिनभर में कई पवित्र समय माने जाते हैं. इन मुहूर्तों में विवाह संपन्न करना अत्यंत शुभ माना गया है.

• ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:59 से 5:49 तक.
• प्रातः संध्या: सुबह 5:24 से 6:39 तक.
• अमृत काल: सुबह 9:29 से 11:00 तक.
• अभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:59 से 12:45 तक.
• गोधूलि बेला: शाम 6:04 से 6:30 तक.

तुलसी विवाह क्यों होता है खास

इस दिन तुलसी माता को सुहागिन की तरह श्रृंगार कर शालिग्राम जी से विवाह कराया जाता है. तुलसी जहां धरती और प्रकृति की ऊर्जा का प्रतीक है, वहीं शालिग्राम दिव्य शक्ति के रूप माने जाते हैं. दोनों का यह मिलन प्रकृति और परमात्मा के पवित्र संतुलन का संदेश देता है. मान्यता है कि जो व्यक्ति विधि-विधान से तुलसी विवाह करता है, उसके वैवाहिक संबंधों में मधुरता बढ़ती है. साथ ही घर में धन, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इस दिन पूजा करने से आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त होते हैं.

इसे भी पढ़ें-रुके हुए कार्यों में सफलता मिलेगी, जानें कैसा रहेगा सभी 12 राशियों का आज का दिन

गन्ने के मंडप में रचता है पावन विवाह

तुलसी विवाह के लिए गन्ने का मंडप बनाया जाना परंपरा मानी गई है, क्योंकि तुलसी माता को गन्ना अत्यंत प्रिय है. पूजा में बेर, चने की भाजी और आंवले का विशेष महत्व होता है.
इस दौरान पूजन सामग्री के रूप में हल्दी की गांठ, शालिग्राम, गणेश और विष्णु प्रतिमा, श्रृंगार सामग्री, बताशा, फल-फूल, दीपक, तिल, घी, रोली, कुमकुम, अक्षत, लाल चुनरी, हवन सामग्री और मिठाई का प्रयोग किया जाता है, जिससे पूजा पूर्ण और शुभ मानी जाती है.
यही सभी तत्व मिलकर तुलसी विवाह के इस दिव्य अनुष्ठान को और भी सौभाग्यशाली बनाते हैं.

इसे भी पढ़ें-

बिहार चुनाव में आज बड़ा शक्ति प्रदर्शन, शाह-राजनाथ की रैलियां और 3 CMs की एंट्री

राहुल और तेजस्वी की रैली आज, देखें पूरी शेड्यूल, प्रियंका और खरगे भी आएंगे बिहार

भागलपुर में कल से शुरू होगा पोस्टल बैलेट से मतदान, कर्मियों के लिए बने 6 फैसिलिटेशन सेंटर

भागलपुर में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के जरिए मतदाताओं को किया गया जागरूक

भागलपुर में 29 अक्टूबर को होगा EVM का द्वितीय रेंडमाइजेशन

- Advertisement -
HelloCities24
HelloCities24
HelloCities24 हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज, पॉलिटिक्स, बॉलीवुड, खेल और मनोरंजन से जुड़ी ताजा खबरें लाता है. अपने शहर की बड़ी खबरें सबसे पहले पाएं HelloCities24 पर — भरोसेमंद हिंदी न्यूज प्लेटफॉर्म.
संबंधित खबरें

जरूर पढ़ें

- Advertisment -
Patna
mist
24 ° C
24 °
24 °
94 %
4.1kmh
75 %
Thu
24 °
Fri
21 °
Sat
22 °
Sun
30 °
Mon
29 °

ट्रेंडिंग टॉपिक्स

- Advertisment -

अन्य खबरें

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here